आधार संशोधन विधेयक को मंत्रिमंडल की मंजूरी, संसद के अगले सत्र में होगा पेश

By भाषा | Published: June 13, 2019 07:03 AM2019-06-13T07:03:28+5:302019-06-13T07:03:28+5:30

मंत्रिमंडल ने बैंक खाता खोलने तथा मोबाइल फोन कनेक्शन लेने के लिये आधार के स्वैच्छिक उपयोग की अनुमति देने को लेकर बुधवार को एक संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी।

Cabinet approval for the Aadhaar Amendment Bill will be presented in next session of Parliament | आधार संशोधन विधेयक को मंत्रिमंडल की मंजूरी, संसद के अगले सत्र में होगा पेश

आधार संशोधन विधेयक को मंत्रिमंडल की मंजूरी, संसद के अगले सत्र में होगा पेश

Highlightsआधार तथा अन्य कानूनों में (संशोधन) के विधेयक, 2019’ को मंजूरी दी गयी प्रतिदिन 10 लाख रुपये तक के अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा

मंत्रिमंडल ने बैंक खाता खोलने तथा मोबाइल फोन कनेक्शन लेने के लिये आधार के स्वैच्छिक उपयोग की अनुमति देने को लेकर बुधवार को एक संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। इस संशोधन के बाद किसी अन्य कानून की बाध्यता नहीं होने पर व्‍यक्ति को अपनी पहचान साबित करने के लिये आधार देने के लिए बाध्‍य नहीं किया जा सकेगा। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में ‘आधार तथा अन्य कानूनों में (संशोधन) के विधेयक, 2019’ को मंजूरी दी गयी।

इसमें नियमों के उल्लंघन पर कड़ा जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। यह विधेयक आधार कानून 2016 तथा अन्य कानून में संशोधन के रूप में होगा और मार्च 2019 में जारी अध्यादेश का स्थान लेगा। इस संशोधन विधेयक को संसद के 17 जून से शुरू सत्र में पेश किया जाएगा। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘इस निर्णय से यूआईडीएआई (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) लोगों के हितों के अनुरूप एक मजबूत प्रणाली बनाने में सक्षम होगा और इससे आधार के दुरूपयोग को कम करने में सहायता मिलेगी।

इस संशोधन के बाद यदि संसद द्वारा पारित किसी कानून की बाध्‍यता न हो तो किसी व्‍यक्ति को अपनी पहचान साबित करने हेतु आधार नम्‍बर प्रस्‍तुत करने के लिए बाध्‍य नहीं किया जा सकेगा।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘प्रस्‍तावित संशोधन लोगों की सुविधा के लिये बैंक खाते खुलवाने में आधार के उपयोग को मान्‍यता देता है परंतु बैंक को आधार नम्‍बर देना स्‍वैच्छिक होगा। टे‍लीग्राफ अधिनियम, 1885 तथा धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के त‍हत बैंक इसे केवाईसी दस्‍तावेज के रूप में स्‍वीकार कर सकते हैं।’’ इसका मतलब है कि इसमें बैंक खाता खोलने तथा मोबाइल फोन कनेक्शन लेने के लिये सत्यापन और पहचान पत्र के रूप में आधार के स्वैच्छिक उपयोग की अनुमति होगी। विज्ञप्ति के अनुसार इस निर्णय से आधार, लोगों के लिए अधिक सुविधाजनक और उपयोगी सिद्ध होगा।

प्रस्‍तावित संशोधन राष्‍ट्रपति द्वारा 2 मार्च, 2019 को घोषित अध्‍यादेश के प्रावधानों के अनुरूप है। प्रस्तावित बदलाव के तहत व्‍यक्ति स्‍वेच्‍छा से प्रमाणन या सत्‍यापन के लिए भौतिक रूप से अथवा इलेक्‍ट्रानिक रूप में आधार नम्‍बर का उपयोग कर सकता है। इसमें आधार के वैकल्पिक वर्चुअल पहचान के उपयोग की सुविधा दी गयी है ताकि व्‍यक्ति के वास्‍तविक आधार नम्‍बर को गुप्‍त रखा जा सके। विज्ञप्ति के अनुसार इसमें केवल संस्‍थानों को सत्‍यापन करने की अनुमति दी गयी है बशर्ते वे प्राधिकरण द्वारा निर्दिष्‍ट निजता और सुरक्षा के मानकों का अनुपालत करते है। इसके तहत किसी व्यक्ति को अपनी पहचान के लिए अपने पास आधार नंबर होने का प्रमाण देने या उस काम के लिए आधार सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करने लिए विवश नहीं किया जा सकता जब तक कि संसद द्वारा पारित किसी कानून में ऐसा कोई प्रावधान हो। संशोधन विधेयक में निजी संस्‍थानों द्वारा आधार के उपयोग से संबंधित आधार अधिनियम की धारा 57 को हटाने का प्रस्‍ताव है।

यदि आधार नम्‍बर का सत्‍यापन नहीं हो पाता है तो ऐसी स्थिति में भी किसी व्‍यक्ति को सेवा से वंचित नहीं किया जा सकता। साथ ही इसमें· भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण कोष स्‍थापित करने का प्रस्‍ताव है। संशोधन में आधार कानून के प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर इकाइयों पर एक करोड़ रुपये तक का दिवानी जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया गया है। अगर लगातार नियमों का अनुपालन नहीं किया जाता है तो प्रतिदिन 10 लाख रुपये तक के अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। अनुरोध करने वाली इकाइयों या भौतिक रूप से सत्यापन के मामले में आधार का अनाधिकृत उपयोग दंडनीय है। इसके लिये 10,000 रुपये तक के जुर्माने के साथ तीन साल तक कारावास का प्रावधान है। कंपनी के मामले में यह र्जुमाना 1 लाख रुपये तक है। अनाधकृत तरीके से सेंट्रल आइडेन्टिटीज डोटा रिपोजिटीरी’ तक पहुंच के साथ डाटा से छोड़छाड़ के लिये मौजूदा तीन साल से 10-10 साल की सजा का प्रावधान है। भाषा रमण मनोहर मनोहर

Web Title: Cabinet approval for the Aadhaar Amendment Bill will be presented in next session of Parliament

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