देश भर में पत्रकारों पर हमले को लेकर दिल्ली में CAAJ का दो दिवसीय सम्मेलन, पीड़ित पत्रकार साझा करेंगे अपने अनुभव

By पल्लवी कुमारी | Published: September 20, 2018 04:47 PM2018-09-20T16:47:06+5:302018-09-20T17:07:54+5:30

CAAJ का यह सम्मेलन 22 और 23 सितंबर को नई दिल्ली के रफ़ी मार्ग पर स्थित कंस्टिट्यूशन क्लब में आयोजित होगा।

CAAJ national convention on assault on journalist delhi prakash raj and raveesh kumar | देश भर में पत्रकारों पर हमले को लेकर दिल्ली में CAAJ का दो दिवसीय सम्मेलन, पीड़ित पत्रकार साझा करेंगे अपने अनुभव

देश भर में पत्रकारों पर हमले को लेकर दिल्ली में CAAJ का दो दिवसीय सम्मेलन, पीड़ित पत्रकार साझा करेंगे अपने अनुभव

नई दिल्ली, 20 सितंबर: देश भर में पत्रकारों पर हो रहे हमले और हत्या पर चर्चा के लिए कमेटी अगेंस्ट असाल्ट ऑन जर्नलिस्ट (CAAJ) राजधानी में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है। यह सम्मेलन 22 और 23 सितंबर को नई दिल्ली के रफ़ी मार्ग पर स्थित कंस्टिट्यूशन क्लब में आयोजित होगा। 

आयोजकों के अनुसार सम्मेलन में 10 राज्यों के करीब 40 पत्रकार शामिल होंगे। सम्मेलन में पीड़ित पत्रकार अपना निजी अनुभव साझा करेंगे। CAAJ के 'नेशनल कन्वेंशन अगेंस्ट असॉल्ट ऑन जर्नलिस्ट' में बीज-वक्तव्य देशबंधु अखबार के मालिक और संपादक ललित सुरजन देंगे। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र की सदारत वरिष्ठ पत्रकार आनंद स्वरूप वर्मा करेंगे।

अभिनेता प्रकाश राज और टीवी एंकर रवीश कुमार के अलावा सुमित चक्रवर्ती, ओम थानवी, सिद्धार्थ वरदराजन, हरतोष सिंह बल, पुण्य प्रसून वाजपेयी निखिल वागले जैसे वरिष्ठ पत्रकार सम्मेलन में शामिल होंगे।

सम्मेलन में छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि राज्यों में पत्रकारिता के दौरान हत्या, हमले और मुकदमों से जुड़े अनुभव साझा करने के लिए इन राज्यों में काम कर चुके करीब एक दर्जन पत्रकार दिल्ली पहुँचेंगे। 

कार्यक्रम में गंगा देवी, पैट्रिशिया मुकहिम, आशा रंजन, जलील राठौर, नितिन गुप्ता, कमल शुक्ला, रचना खैरा, प्रभात सिंह, संतोष यादव, आवेश तिवारी, शिव दास और पुष्यमित्र शामिल होंगे।

ग्रामीण भारत में पत्रकार ज्यादा असुरक्षित

CAAJ के सम्मेलन को कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (CPJ) ने भी अपना समर्थन दिया है। CPJ पूरी दुनिया में पत्रकारों की हालत पर हर साल रिपोर्ट प्रकाशित करता है।

पत्रकार की हत्या कर देने पर सजा मिलने की संभावना बताने वाली CPJ की साल 2017 की एक रिपोर्ट में भारत को 13वां स्थान दिया गया था। इसका मतलब ये हुआ कि भारत में पत्रकारों की हत्या करके सजा से बचना काफी आसान है। CPJ ने दावा किया था कि पिछले 10 सालों में भारत में पत्रकारों की हत्या से जुड़े एक भी मामले में आरोपी को सजा नहीं हुई।

CPJ के अनुसार साल 1992 से 2017 के बीच भारत में 28 पत्रकारों की हत्या कर दी गयी। CPJ की रिपोर्ट के अनुसार साल 2015 तक भारत के ग्रामीण इलाकों में पत्रकारों पर हमले के कम से कम 142 मामले सामने आए थे। रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण भारत में पत्रकार ज्यादा असुरक्षित हैं। 

Web Title: CAAJ national convention on assault on journalist delhi prakash raj and raveesh kumar

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