देश के उच्चतम न्यायालय ने संशोधित नागरिकता कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया। इसके साथ ही न्यायालय ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में दायर याचिका पर सुनवाई की तारीख 22 जनवरी तय की है।
आपको बता दें कि आईयूएमएल व कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस मामले में कोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, न्यायालय ने तत्काल सुनवाई किए बिना किसी भी तरह से संशोधित नागरिकता कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार किया है।
बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश सहित जिन लोगों ने नागरिकता (संशोधन) कानून को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी, उनकी याचिका पर आज सुनवाई हुई। जयराम ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता से इस नये कानून को चुनौती दी थी।
उन्होंने 13 दिसंबर को यह याचिका दायर की थी। अपनी याचिका में रमेश ने अदालत से आग्रह किया है कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 को असंवैधानिक और अमान्य घोषित करने के लिए उचित आदेश पारित किया जाए।
कांग्रेस नेता ने यह भी मांग की कि अदालत उचित फैसला देते हुए यह घोषित करे कि संशोधित कानून 1985 के असम समझौते और भारत के संविधान को विपरीत है। रमेश ने यह भी घोषित करने की मांग की कि यह संशोधित अधिनियम अंतरराष्ट्रीय कानून एवं दायित्व का उल्लंघन करता है।