CAA Protest: फिल्मकार मुकेश भट्ट ने कहा- भारत रो रहा है, पूरा देश आग की लपटों में है
By एएनआई | Updated: December 21, 2019 12:48 IST2019-12-21T12:48:53+5:302019-12-21T12:48:53+5:30
भट्ट ने कहा- पूरा देश आग की लपटों में है। निजी तौर पर मैं बहुत दुखी हूं। इतना सब होने के बाद अगर कोई देख नहीं पा रहा है तो ये बहुत दुर्भाग्य की बात है। अगर युवा सड़कों पर आ रहा है तो ये गौर करने वाली बात है। इस पर बातचीत करनी चाहिए की क्या गलत हुआ है।

CAA Protest: फिल्मकार मुकेश भट्ट ने कहा- भारत रो रहा है, पूरा देश आग की लपटों में है
देशभर में 'नागरिकता संशोधन कानून' (सीएए) का विरोध हो रहा है। दिल्ली, यूपी सहित कई राज्य में प्रदर्शन हो रहा है। बॉलीवुड के स्टार्स भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
इस बीच, समाचार एजेंसी एएनआई मुताबिक फिल्मकार मुकेश भट्ट ने खेद जताते हुए कहा "भारत रो रहा है।" भट्ट ने कहा- पूरा देश आग की लपटों में है। निजी तौर पर मैं बहुत दुखी हूं। इतना सब होने के बाद अगर कोई देख नहीं पा रहा है तो ये बहुत दुर्भाग्य की बात है। अगर युवा सड़कों पर आ रहा है तो ये गौर करने वाली बात है। इस पर बातचीत करनी चाहिए की क्या गलत हुआ है।
पूरा भारत रो रहा है, पूरा देश जल रहा है, अगर अब भी तुम नहीं देख सकते हो तो ये बहुत खेदजनक है। अगर हमारे देश में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और हमारे देश के युवा सकड़ों पर निकल रहे हैं तो हमें जरूर ध्यान होगा कि कुछ तो गलत है। "
Film Producer Mukesh Bhatt on #CitizenshipAmendmentAct: I am personally very upset as the entire country is in flames. Even after that if one can't see, then it's really unfortunate. If the youth is out on roads, then we need to look at it&discuss what wrong has happened. (20.12) pic.twitter.com/iTNIqwsVPq
— ANI (@ANI) December 21, 2019
भट्ट ने हिंसात्मक प्रदर्शन को गलत ठहराते हुए कहा "मैं हिंसा के खिलाफ हूं लेकिन जो प्रदर्शन हो रहा है मैं उसका समर्थन करता हूं। सरकार को ध्यान देना चाहिए कि क्यों ये सब चल रहा है।" बीते गुरुवार (19 दिसंबर) को विख्यात बॉलीवुड सेलेब्स फरहान अख्तर, राहुल बोस, हुमा कुरैशी और स्वरा भास्कर सहित कई ने 'नागरिकता संशोधन कानून' के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया था।
सीएए प्रवधान के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के देशों से भारत आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान की जाती है। जब ये लोग धर्म के आधार पर उत्पीड़न के चलते 13 दिसंबर, 2014 तक भारत आ चुके हैं।