"सीएए अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है, इससे पड़ोसी देशों में पीड़ित हिंदुओं, सिखों और बौद्धों को मदद मिलेगी", रविशंकर प्रसाद ने कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 12, 2024 02:25 PM2024-03-12T14:25:59+5:302024-03-12T14:29:29+5:30

भारतीय जनता पार्टी के सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सीएए कतई देश के अल्पसंख्यकों और खासकर मुसलमानों के खिलाफ नहीं है।

"CAA is not against minorities, it will help suffering Hindus, Sikhs and Buddhists in neighboring countries", said Ravi Shankar Prasad | "सीएए अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है, इससे पड़ोसी देशों में पीड़ित हिंदुओं, सिखों और बौद्धों को मदद मिलेगी", रविशंकर प्रसाद ने कहा

फाइल फोटो

Highlightsरविशंकर प्रसाद ने कहा कि सीएए कतई देश के मुसलमानों के खिलाफ नहीं हैसीएए पड़ोसी देशों के पीड़ित हिंदुओं, सिखो और बौद्धों समेत अल्पसंख्यक धर्मों के लोगों की मदद करेगाइसके लिए मैं सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद देना चाहता हूं

पटना: केंद्र सरकार द्वारा देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू करने के एक दिन बाद भारतीय जनता पार्टी के सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सीएए कतई देश के अल्पसंख्यकों और खासकर मुसलमानों के खिलाफ नहीं है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार देश में सीएए लागू करने के लिए केंद्र सरकार की सराहना करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, "मैं भारत सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद देना चाहता हूं। इस कानून का उद्देश्य पड़ोसी देशों के उन हिंदुओं, पारसियों, सिखों, बौद्धों और जैनियों की मदद करना है जो पीड़ित हैं। वे भारत आएं और यहां पर उन्हें सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।''

इस बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भी सीएए लागू किये जाने प्रशंसा करते हुए कहा कि "यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा उठाया गया एक बहुत ही अच्छा कदम है। इसके लागू होने से पड़ोसी देशों में बिना किसी नागरिकता के रह रहे हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध धर्म के लोग भारत आ सकते हैं और यहां की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं।"

इससे पहले दिन में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के कार्यान्वयन के समय पर सवाल उठाते हुए कहा कि असम और पश्चिम बंगाल में मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए इसे आम चुनावों से पहले लागू किया गया है।

उन्होंने कहा, "इस नियम को लाने में उन्हें 4 साल और 3 महीने लग गए। बिल दिसंबर 2019 में पारित हो गया था। कानून 3-6 महीने के भीतर बन जाना चाहिए था। मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से नौ एक्सटेंशन मांगे और 4 साल और 3 महीने लग गए और कल रात चुनाव से कुछ समय पहले नियमों को अधिसूचित किया।“

जयराम रमेश के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करके भाजपा ने विभाजनकारी राजनीति को फिर से हवा देने का प्रयास किया है।

मालूम हो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से कुछ दिन पहले सोमवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन के लिए नियमों की अधिसूचना की घोषणा की है।

मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए और 2019 में संसद द्वारा पारित सीएए नियमों का उद्देश्य  31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है।

Web Title: "CAA is not against minorities, it will help suffering Hindus, Sikhs and Buddhists in neighboring countries", said Ravi Shankar Prasad

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