गरीब होने का दावा कर नक्सली सरकार के खिलाफ हथियार उठाने को रुमानी तरीके से पेश करते हैं : ईरानी

By भाषा | Updated: December 17, 2021 21:23 IST2021-12-17T21:23:59+5:302021-12-17T21:23:59+5:30

By claiming to be poor, naxalites romanticize taking up arms against government: Irani | गरीब होने का दावा कर नक्सली सरकार के खिलाफ हथियार उठाने को रुमानी तरीके से पेश करते हैं : ईरानी

गरीब होने का दावा कर नक्सली सरकार के खिलाफ हथियार उठाने को रुमानी तरीके से पेश करते हैं : ईरानी

हैदराबाद, 17 दिसंबर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को कहा कि नक्सली गरीब होने का दावा कर सरकार के खिलाफ हथियार उठाने की अवधारणा को रुमानी तरीके से पेश करते हैं।

‘इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी)’ में एक सत्र में महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने ‘वर्क फ्रॉम होम’ (घर से काम करने) की प्रणाली को बदल कर रख दिया, जो एक ‘सामाजिक अवधारणा’ में महिला केंद्रित हुआ करती थी अब उसमें पुरुष भी आ गए हैं।

अपनी पुस्तक के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ वे कौन लोग हैं जिन्होंने हमले किए, तथाकथित नक्सलियों ने, क्योंकि वे संविधान के खिलाफ अपराधी हैं। वे भारत सरकार के खिलाफ हथियार उठाने की अवधारणा को रुमानी तरीके से पेश करते हैं और कहते हैं कि उन्होंने हथियार इसलिए उठाए क्योंकि वे गरीब हैं।’’

ईरानी ‘लाल सलाम’ पुस्तक लिखकर लेखिक बनी हैं। यह उपन्यास अप्रैल, 2010 में दंतेवाड़ा में 76 सीआरपीएफ कर्मियों की हत्या की घटना से प्रेरित है। ईरानी ने कहा, ‘‘ मैंने गरीबी देखी है… लेकिन कभी अपने देश के खिलाफ हथियार नहीं उठाया और न ही मैं देश की भावना को तोड़ना चाहती थी या वर्दी वाले अधिकारी का अनादर करना चाहती थी।’’

उनकी पुस्तक में भले ही काल्पनिक कहानी हो लेकिन यह सीआरपीएफ कर्मियों की नृंशस हत्या को लेकर उनके गुस्से को दर्शाती है।

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Web Title: By claiming to be poor, naxalites romanticize taking up arms against government: Irani

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