कर्नाटक के शिक्षा मंत्री ने 'भगवद गीता' को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने पर कहा, "यह सभी के लिए है, न कि केवल हिंदुओं के लिए"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 19, 2022 02:11 PM2022-03-19T14:11:15+5:302022-03-19T14:28:39+5:30
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि भगवद गीता केवल हिंदुओं के लिए नहीं है, यह सभी के लिए है। अगर शिक्षा विशेषज्ञ इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए कहते हैं तो इसे इस साल तो नहीं लेकिन अगले साल निश्चित रूप से शामिल किया जाएगा।
बेंगलुरु: बुरका विवाद का केंद्र बना भाजपा शासित कर्नाटक अब गुजरात राज्य के रास्ते पर चलते हुए भगवद गीता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल कर सकता है। इस मामले में कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने होली के दिन शुक्रवार को कहा कि भगवद गीता सभी के लिए है, न कि केवल हिंदुओं के लिए।
पत्रकारों से बात करते हुए कर्नाटक के शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूली बच्चों को नैतिक विज्ञान विषय के तहत स्कूलों में भगवद गीता पढ़ाने पर फैसला मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से सलाह मशविरा करने के बाद लिया जाएगा।
इससे पहले गुरुवार 17 मार्च को गुजरात सरकार ने यह घोषणा की कि अगले शैक्षणिक सत्र से राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के कक्षा 6वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में भगवद गीता को शामिल किया जाएगा।
गुजरात सरकार के इस फैसले के बाद कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा, "भगवद गीता केवल हिंदुओं के लिए नहीं है, यह सभी के लिए है। अगर शिक्षा विशेषज्ञ इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए कहते हैं तो इसे इस साल तो नहीं लेकिन अगले साल निश्चित रूप से पेश किया जाएगा।"
मंत्री बीसी नागेश की यह टिप्पणी कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा कक्षाओं में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध के खिलाफ छात्राओं की याचिकाओं को खारिज किये जाने के तीन दिन बाद आई है, जिसमें कोर्ट द्वारा कहा गया था कि हिजाब पहनना इस्लाम के तहत एक आवश्यक प्रथा नहीं है।
बीसी नागेश ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा था, "मैं स्कूलों और कॉलेजों में ड्रेस कोड के नियमों पर माननीय कर्नाटक हाईकोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करता हूं। इस फैसले ने साबित किया है कि देश का कानून सब कुछ से ऊपर है।"
इसके साथ ही शिक्षा मंत्री नागेश ने कहा कि बच्चों के पाठ्यक्रम में नैतिक विज्ञान को शामिल करने की मांग बढ़ रही है। अगर सब कुछ पर सहमति हो जाती है, तो हम शिक्षा विशेषज्ञों से परामर्श करेंगे और नैतिक विज्ञान विषय के पहलुओं और पाठ्यक्रम पर निर्णय लेंगे।
यह पूछे जाने पर कि बच्चों को स्कूलों में भगवद गीता को शामिल किया जाना चाहिए मंत्री नागेश ने कहा, "इस विषय में शिक्षा विशेषज्ञों को बताना चाहिए, वे भगवद गीता, रामायण, नैतिक कहानियों का सुझाव दे सकते हैं या फिर वे कुरान और बाइबिल को भी शामिल किये जाने की भी सिफारिश कर सकते हैं।"
मालूम हो कि भगवद गीता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा करते हुए गुजरात सरकार की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि यह विचार "परंपराओं के प्रति गर्व और जुड़ाव की भावना पैदा करना" है। गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने कहा कि भगवद गीता के मूल्यों को सभी धर्मों के लोग स्वीकार करते हैं।