नरेंद्र मोदी सरकार ने माना आधार डाटा का इस्तेमाल करके बैंकों में हुई जालसाजी
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 7, 2018 08:49 AM2018-02-07T08:49:52+5:302018-02-07T08:53:04+5:30
नरेंद्र मोदी सरकार में वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने राज्यसभा में लिखित जवाब में कहा, "सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा दी गई आंकड़ों के मुताबिक, कुछ बैंकों में ग्राहकों की आधार संख्या का उपयोग करते हुए धोखाधड़ी से बैंक खातों से पैसा निकाला गया।"
नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार (सात फरवरी) को स्वीकार किया कि ग्राहकों की आधार संख्या का उपयोग कर उनके बैंक खातों से धोखाधड़ी कर पैसे निकाले जाने की घटनाएं हुई हैं। संसद को बताया गया कि सूचना के मुताबिक, करीब छह ऐसे मामलों में चार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने लगभग 1.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की सूचना दी थी।
वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने राज्यसभा में लिखित जवाब में कहा, "सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा दी गई आंकड़ों के मुताबिक, कुछ बैंकों में ग्राहकों की आधार संख्या का उपयोग करते हुए धोखाधड़ी से बैंक खातों से पैसा निकाला गया।"
उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए कदम उठाए गए हैं और जिन मामलों में रिपोर्ट दर्ज की गई है, उसमें कार्रवाई शुरू की गई है।
बैंक ऑफ इंडिया में आधार के माध्यम से धोखाधड़ी के दो मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें 1.37 करोड़ रुपये धोखे से निकाले गए, जबकि सिंडिकेट बैंक में 2.26 लाख रुपये धोखाधड़ी से निकालने के दो मामले सामने आए थे।
बैंक ऑफ इंडिया में दो मामले सामने आएं हैं, उसके बारे में सरकार ने कहा कि इसमें बैंक कर्मियों का ही हाथ है।
सिंडिकेट बैंक के मामले में, सरकार ने कहा कि धोखाधड़ी से निकाली गई राशि को बरामद कर लिया गया है और ऐसे मामलों को रोकने के लिए बैंक कदम उठा रहा है।
इन चार मामलों के अलावा, इलाहाबाद बैंक और यूको बैंक में क्रमश: 1.95 लाख रुपये और 0.49 लाख रुपये की घोखाधड़ी का एक-एक मामला दर्ज किया गया है।