नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को यूनियन बजट 2022 की घोषणा की। इस बजट से जो मध्यम वर्ग के लोग ये उम्मीद जता रहे थे कि टैक्स स्लैब में बदलाव से राहत मिलेगी। लेकिन उनकी ये उम्मीदें धरी की धरी रह गईं।
हालांकि इस बजट को एक्सपर्ट बेहद ही बैलेंस बजट बता रहे हैं। फिक्की (FICCI) के अध्यक्ष संजीव मेहता ने कहा कि व्यापार के नज़रिए से दो चीज़े कंसिस्टेंसी ऑफ पॉलिसी और कंसिस्टेंसी ऑफ टैक्स रेट महत्वपूर्ण हैं। इसके लिए मैं वित्त मंत्री का धन्यवाद करूंगा कि उन्होंने इसमें ज़्यादा बदलाव नहीं किए। नए टैक्स भी लागू नहीं किए गए।
मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए टैक्स स्लैब में बदलाव क्यों नहीं किए गए। इसका जवाब बजट के दौरान वित्तमंत्री ने इस अंदाज में दिया। वित्त मंत्री ने महाभारत के एक श्लोक का उदारहण देते हुए कहा कि राजा को किसी भी प्रकार की ढिलाई न करते हुए और धर्म के अनुरूप करों का संग्रहण करना चाहिए। दरअसल, बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने महाभारत का श्लोक पढ़ा। उन्होंने महाभारत के शांति पर्व के अध्याय 72 का 11वां श्लोक पढ़ा, जो इस प्रकार है-
दापयित्वाकरंधर्म्यंराष्ट्रंनित्यंयथाविधि।अशेषान्कल्पयेद्राजायोगक्षेमानतन्द्रितः॥११॥
यानी कि, 'राजा को किसी भी प्रकार की ढिलाई न करते हुए और धर्म के अनुरूप करों का संग्रहण करने के साथ-साथ, राज धर्म के अनुसार शासन करके लोगों के योगक्षेम (कल्याण) के लिए अवश्य व्यवस्थाएं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, अपने प्राचीन ग्रंथों से ज्ञान एवं मार्गदर्शन प्राप्त करते हुए हमने प्रगति के पथ पर कायम रहते हुए चलना जारी रखा है।
इस श्लोक से उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि सरकार के लिए टैक्स लेना क्यों आवश्यक है। हालाँकि उन्होंने करदाताओं को सरकार का सहयोग करने के लिए धन्यवाद भी किया।
वित्त मंत्री ने कहा, "मैं इस अवसर पर देश के सभी करदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करना चाहती हूं जिन्होंने अत्यधिक सहयोग दिया है और जरूरत की इस घड़ी में अपने साथी नागरिकों की सहायता करके सरकार के हाथों को मजबूत किया है।"