बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने पढ़ी कश्मीरी कविता- 'हमारा वतन शालीमार बाग जैसा, नौजवानों के गर्म खून जैसा'
By विनीत कुमार | Updated: February 1, 2020 11:45 IST2020-02-01T11:43:47+5:302020-02-01T11:45:39+5:30
Budget 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में एक कश्मीरी कविता 'सों वतन गुलजार शालीमार' का जिक्र किया।

बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने पढ़ी कश्मीरी कविता (फोटो-एएनआई)
Budget 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करते हुए कई अहम घोषणाएं की। इस दौरान अपने भाषण में उन्होंने एक कश्मीरी कविता- 'सों वतन गुलजार शालीमार' का भी जिक्र किया।
निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण की शुरुआत जीएसटी की चर्चा और अरुण जेटली को याद कर किया। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी एक ऐतिहासिक कदम रहा।
सीतारमण ने किया जब कश्मीरी कविता का जिक्र
निर्मला सीतारमण ने पंडित दीनानाथ कौल के लिखे एक कश्मीरी कविता का जिक्र किया। पंडित दीनानाथ साहित्य अकादमी अवॉर्ड विजेता हैं। इस कविता के मायने हैं- 'हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसे, हमारा वतन डल लेक खिलते हुए कमल जैसा, नौजवानों के गरम खून जैसा, मेरा वतन तेरा वतन हमारा वतन, दुनिया का सबसे प्यारा वतन।'
पंडित दीनानाथ कौल द्वारा रचित कविता के माध्यम से बजट सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण: हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसे, हमारा वतन डल झील में खिलते हुए कमल जैसा,नवजवानों के गर्म खून जैसा,
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 1, 2020
मेरा वतन, तेरा वतन, हमारा वतन
दुनिया का सबसे प्यारा वतन।। pic.twitter.com/BTCG54w7Jt
सीतारमण ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ये सरकार जो भी काम कर रही है वह इस सुंदर देश के लिए कर रही है। सीतारमण ने किसानों की समस्या का जिक्र करते हुए साथ ही कहा कि मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही वित्त मंत्री ने पानी की समस्या से जूझ रहे 100 जिलों के लिए व्यापक करने का भी प्रस्ताव दिया।