लाइव न्यूज़ :

Budget 2020: गिरती अर्थव्यवस्था के बीच मोदी सरकार ने नौकरी पेशा करदाताओं को दी बड़ी राहत, जानें बजट की खास बातें

By भाषा | Updated: February 1, 2020 20:30 IST

नई आयकर व्यवस्था में ढाई लाख रुपये तक की सालाना आय को पहले की तरह कर मुक्त रखा गया है जबकि ढाई लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत की दर से आयकर देय होगा।

Open in App
ठळक मुद्देनई कर व्यवस्था के अमल में आने से सरकार को हर साल 40 हजार करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का अनुमान है। 60 साल से लेकर 80 वर्ष तक के वरिष्ठ नागरिकों की तीन लाख रुपये तक की सालाना आय कर मुक्त है जबकि 80 वर्ष से बड़े बुजुर्गों की पांच लाख रुपये तक की आय करमुक्त है।पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसी) बैंक में धोखाधड़ी सामने आने के बाद जमाकर्ताओं की परेशानी को देखते हुये जमा राशि पर बीमा सुविधा को मौजूदा एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की घोषणा की गई है।

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दूसरे बजट में सरकार ने सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिये नौकरी पेशा करदाताओं को आयकर में राहत देने के साथ ही कंपनियों को लाभांश वितरण कर से मुक्ति देने और आम आदमी के जीवन को आसान बनाने के लिये खेती, किसानी के क्षेत्र में नई योजनाओं की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में 2020- 21 का बजट पेश करते हुये घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के उद्येश्य से रसोई और भोजन की मेज पर इस्तेमाल होने वाले बर्तनों, बिजली के सामान से लेकर चप्पल जूते, फर्नीचर, स्टेशनरी और खिलौनों पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है।

इससे ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा मिलने और घरेलू कंपनियों को सस्ते आयात से सुरक्षा मिलने की उम्मीद है। जूते-चप्पल पर सीमा शुल्क दर को 25 से बढ़ाकर 35 प्रतिशत, जूते के हिस्सों पर 15 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत और विशिष्ट फर्नीचर सामान पर 20 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है। चीनी मिट्टी के खाने के बर्तन, रसोई के बर्तन और अन्य गृहस्थी में काम आने वाली वस्तुओं पर भी सीमा शुल्क दर को 10 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया है। सीतारमण ने बजट में व्यक्तिगत आयकर दाताओं को घटी दरों के साथ नई वैकल्पिक आयकर व्यवस्था का प्रस्ताव किया है।

नई आयकर व्यवस्था में ढाई लाख रुपये तक की सालाना आय को पहले की तरह कर मुक्त रखा गया है जबकि ढाई लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत की दर से आयकर देय होगा। इसी प्रकार 5 से 7.5 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, 7.5 से 10 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत, 10 से 12.5 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत, 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये की आय पर 25 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘हमारा लक्ष्य आने वाले समय में आयकर कानून में उपलब्ध सभी तरह की रियायतों और कटौतियों की व्यवस्था को समाप्त करना है।’

नई कर व्यवस्था के अमल में आने से सरकार को हर साल 40 हजार करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का अनुमान है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आयकर कानून में 100 से अधिक तरह की छूट और कटोतियां हैं। आयकर की नई व्यवस्था में इनमें से 70 रियायतों और छूट को उन्होंने हटाने में सफलता पाई है। उल्लेखनीय है कि व्यक्तिगत आयकर की मौजूदा व्यवस्था में ढाई लाख रुपये की सालाना आय पूरी तरह से करमुक्त है। इसके बाद ढाई लाख से 5 लाख रुपये की आय पर पांच प्रतिशत, पांच से 10 लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर लगता है।

60 साल से लेकर 80 वर्ष तक के वरिष्ठ नागरिकों की तीन लाख रुपये तक की सालाना आय कर मुक्त है जबकि 80 वर्ष से बड़े बुजुर्गों की पांच लाख रुपये तक की आय करमुक्त है। इसके साथ ही कर पर अधिभार और उपकर भी लागू है। वित्त मंत्री ने बजट प्रस्ताव में कहा कि आयकर की नई दरें करदाताओं के लिये वैकल्पिक हैं। यानी वह चाहें तो नये कर स्लैब के अनुरूप कर का भुगतान कर सकते हैं या फिर पुरानी व्यवस्था के मुताबिक ही आयकर का भुगतान कर सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट कि कि दोनों व्यवस्थाओं में पांच लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा। कंपनियों को लाभांश कर से निजात देने की भी बजट में घोषणा की गई। अब कंपनियों के बजाय लाभांश प्राप्त करने वाले को कर देना होगा। होल्डिंग कंपनियों को उनकी अनुषंगी कंपनी से मिलने वाले लाभांश पर कटौती देने का प्रस्ताव किया गया है। सरकार के इस कदम से 25,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा।

इससे भारत को निवेश का आकर्षक स्थल बनाने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री ने प्रत्यक्ष कर क्षेत्र में व्यापक सुधार उपायों को आगे बढ़ाते हुये पुराने विवादित कर मामलों का निपटान करने के लिये ‘‘विवाद से विश्वास’’ योजना की एक बार फिर घोषणा की है। इस योजना के तहत 31 मार्च 2020 तक करदाता यदि भुगतान करता है तो केवल विवादित राशि का ही भुगतान करना होगा। ब्याज और जुर्माने की माफी होगी। इस तिथि के बाद योजना का लाभ उठाने वालों को करदाताओं को कुछ अतिरिक्त कर राशि का भुगतान करना पड़ सकता है। योजना 30 जून 2020 तक खुली रहेगी।

पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसी) बैंक में धोखाधड़ी सामने आने के बाद जमाकर्ताओं की परेशानी को देखते हुये जमा राशि पर बीमा सुविधा को मौजूदा एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही वित्तीय आस्तियों के प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्गठन और प्रतिभूति हित का प्रवर्तन कानून 2002 के तहत अब 100 करोड़ रुपये की संपत्ति वाली एनबीएफसी भी रिण वसूली कर सकेंगी। पहले यह सीमा 500 करोड़ रुपये तक थी। इसके साथ ही कानून के तहत अब 50 लाख रुपये तक के कर्ज की भी वसूली की जा सकेगी जबकि पहले एक करोड़ रुपये से अधिक के रिण की वसूली का अधिकार इसमें था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बजट को ‘‘विजन और एक्शन’ से भरा हुआ बताया। उन्होंने कहा बजट में जिन नए सुधारों का ऐलान किया गया है, वह अर्थव्यवस्था को गति देने, देश के प्रत्येक नागरिक को आर्थिक रूप से सशक्त करने और इस दशक में अर्थव्यवस्था की नींव को मजबूत करने का काम करेंगे।

बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में मोदी ने कहा, ‘‘ मैं इस दशक के पहले बजट के लिए, जिसमें विजन भी है, एक्शन भी है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। ’’ विपक्ष ने निर्मला सीतारमण के बजट में कमिया गिनाई है। कांग्रेस ने बजट को ‘खोखला’ बताया और कहा कि इससे साबित होता है कि सरकार अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने की उम्मीद छोड़ चुकी है। पूर्व वित्त मंत्री चिदंबर ने कहा कि बजट में कुछ भी खास नहीं है और वह इसके लिए सीतारमण को 10 अंक में से शून्य या एक अंक दे सकते हैं। हालांकि, शेयर बाजार की प्रतिक्रिया काफी तीखी रही है। बंबई शेयर बाजार का सूचकांक बजट के बाद 988 अंक गिर गया। वहीं निर्यातकां के संगठन फियो ने बजट की सराहना करते हुये एक बयान में कहा कि आम बजट में कृषि, बागवानी और मत्स्यपालन क्षेत्र में बुनियादी बदलाव लाने का प्रयास किया गया है। इसके लिए 16 सूत्रीय कार्यक्रम की रूपरेखा बनायी गयी है ताकि मध्यम और दीर्घावधि में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के निर्यात में भारत को एक बड़ी शक्ति बनाया जा सकेगा।

वित्त मंत्री ने बिजली क्षेत्र में उतरने वाली घरेलू कंपनियों को भी 15 प्रतिशत की घटी दर से कर देने की सुविधा देने की घोषणा की है। विदेशी सरकारों के सावरेन संपत्ति कोषों को ढांचागत तथा अन्य अधिसूचित क्षेत्रों में किये गये निवेश पर मिलने वाले ब्याज, लाभांश और पूंजीगत लाभ आय पर 100 प्रतिशत कर छूट देने का भी फैसला किया गया है। यह सुविधा 31 मार्च 2024 से पहले किये गये निवेश पर तीन साल के लॉक इन पीरियड के साथ होगा। पिछले 11 साल के निम्न स्तर पर पहुंच आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने के लिये वित्त मंत्री ने ढांचागत परियोजनाओं, ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र पर खर्च बढ़ाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने कहा कि किसान कल्याण और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये सरकार 16 सूत्रीय कार्ययोजना का प्रस्ताव कर रही है। उन्होंनें कहा कि कृषि, ग्रामीण विकास, सिंचाई और संबंधित गतिविधियों में 2.83 लाख करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।

इसी प्रकार स्वास्थ्य, जल, स्वच्छता के लिये 69,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इसमें 6,400 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिये दिये गये हैं। योजना के तहत दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में गरीबों के इलाज के लिये 20 हजार नये अस्पताल पैनल में शामिल होंगे। आयुष्मान भारत के तहत गरीबों के बेहतर इलाज के लिये अस्पतालों का नेटवर्क बढ़ाने, अगले चार साल में उड़ान योजना को पंख देने के लिये 100 और हवाईअड्डे जोड़ने और पर्यटन क्षेत्र में नई पहल करने की घोषणा की है। आधुनिक भारत की अर्थव्यवस्था में वित्त मंत्री ने कहा कि देशभर में डेटा सेंटर पार्क बनाने के लिये निजी क्षेत्र को आगे बढ़ाने की नीति जल्द जारी की जायेगी। फाइबर टु होम के तहत भारतनेट संपर्क योजना के तहत एक लाख ग्राम पंचायतों को जाड़ा जायेगा। इसके लिये बजट में 6,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

पर्यटन एवं संस्कृति के क्षेत्र में संस्कृति मंत्रालय के तहत धरोहर और संरक्षण संस्थान स्थापित किया जायेगा। इसे डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जायेगा। इसके तहत हरियाणा, उत्तर प्रदेश, असम, गुजरात और तमिलनाडु में संग्रहालय के साथ ही एक- एक पुरातत्व महत्व के पांच स्थलों को विकसित किया जायेगा। सीतारमण ने कुल 30,42,230 करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया। पिछले बजट के संशोधित व्यय अनुमान की तुलना में नया बजट 3,43,678 करोड़ रुपये अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि उनका बजट तीन मुख्य विषयों के ईदगिर्द तैयार किया गया है। पहला मुद्दा आकांक्षी भारत का है जिसमें समाज के सभी वर्गों की बेहतर रहन- सहन, स्वास्थ्य सुविधायें, शिक्षा और रोजगार की चाह को ध्यान में रखा गया है। दूसरा मुद्दा सभी के आर्थिक विकास से जुड़ा है। इसमें प्रधानमंत्री के ‘‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’’ पर जोर दिया गया है और तीसरा -समाज के वंचित तबके का ध्यान रखने से जुड़ा है जिसमें मानवीय और दयालु रुख रखने वाले समाज को बढ़ावा दिया गया है। 

टॅग्स :बजट २०२०-२१निर्मला सीतारमणमोदी सरकारसंसद बजट सत्र
Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतसंचार साथी ऐप में क्या है खासियत, जिसे हर फोन में डाउनलोड कराना चाहती है सरकार? जानें

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारत"संचार साथी ऐप अनिवार्य नहीं, डिलीट कर सकते हैं लोग", विवाद के बीच बोले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया

भारत'संचार साथी' ऐप को प्रियंका गांधी ने बताया जासूसी ऐप, बोलीं- "देश को तानाशाही में बदलने की कोशिश"

भारत अधिक खबरें

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल