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Budget 2019:  शिक्षा क्षेत्र का बजट 13 प्रतिशत बढ़ा, आयुष मंत्रालय को 1,939.76 करोड़ मिले

By भाषा | Updated: July 5, 2019 20:21 IST

पिछले बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शिक्षा क्षेत्र के लिए 85,010 करोड़ रुपये आवंटित किए थे जिसे बाद में 83,625.86 करोड़ रुपये कर दिया गया। हालांकि, उच्च शिक्षा के लिए अलग से 38,317.01 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जबकि स्कूली शिक्षा के लिए 56,536.63 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

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ठळक मुद्देमछली प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए नई योजना, मंत्रालय के लिए 3,737 करोड़ रुपये आवंटित।पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय को 1,939.76 करोड़ मिले।

केंद्र ने शुक्रवार को घोषित किए गए बजट में वित्त वर्ष 2019-20 में शिक्षा क्षेत्र के लिए 94,853.64 करोड़ रुपये दिए है जो वित्त वर्ष 2018-19 के संशोधित अनुमान से 13 प्रतिशत अधिक है।

पिछले बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शिक्षा क्षेत्र के लिए 85,010 करोड़ रुपये आवंटित किए थे जिसे बाद में 83,625.86 करोड़ रुपये कर दिया गया। हालांकि, उच्च शिक्षा के लिए अलग से 38,317.01 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जबकि स्कूली शिक्षा के लिए 56,536.63 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को 2018-19 में दिए बजट के मुकाबले इस बार कम राशि आवंटित की गई है। यूजीसी को कुल 4,600.66 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जबकि 2018-19 में 4,687.23 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के लिए 6,409.95 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है जबकि भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) के लिए 445.53 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। भारतीय विज्ञान, शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) के लिए 899.22 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

केंद्र ने विश्व स्तरीय शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने के लिए 400 करोड़ रुपये भी आवंटित किए हैं और देश में विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए ‘स्टडी इन इंडिया’ कार्यक्रम की घोषणा की। राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार भारत की उच्च शिक्षा व्यवस्था को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक बनाने के लिए नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति लेकर आएगी। 

मछली प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए नई योजना, मंत्रालय के लिए 3,737 करोड़ रुपये आवंटित

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मत्स्य क्षेत्र में प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना की घोषणा की और नए बने मत्स्य पालन , पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय को 3,737 करोड़ रुपये का आवंटन किया। सीतारमण ने संसद में 2019-20 का बजट पेश करते हुए कहा , " मछली पकड़ने वाले और मछुआरा समुदाय खेती से करीब से जुड़े हुए हैं और ये ग्रामीण भारत के लिए बहुत अहम हैं।"

उन्होंने कहा कि मत्‍स्‍य पालन विभाग नई योजना ‘ प्रधानमंत्री मत्‍स्‍य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई)’ के जरिए एक सुदृढ़ मत्‍स्‍य पालन प्रबंधन रूपरेखा स्‍थापित करेगा। इस योजना के जरिए अवसंरचना , आधुनिकीकरण , उत्‍पादकता , फसल कटाई उपरांत प्रबंधन और गुणवत्ता नियंत्रण सहित संपूर्ण श्रृंखला को मजबूत बनाने के रास्ते में मौजूद बाधाओं को दूर किया जाएगा।

नए मंत्रालय को आवंटित कुल बजट में से 2,932.25 करोड़ रुपये पशुपालन और डेयरी को बढ़ावा देने के लिए चलाई जाने वाली विभिन्न योजनाओं पर खर्ज की जाएंगी जबकि मत्स्य पालन क्षेत्र की योजनाओं के लिए 804.75 रुपये रखे गए हैं।

पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय को 1,939.76 करोड़ मिले

पारंपरिक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने का मोदी सरकार का लक्ष्य 2019-20 के केद्रीय बजट में परिलक्षित हुआ और आयुष मंत्रालय के लिए बजटीय आवंटन में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में करीब 15 फीसद वृद्धि हुई है।

वर्तमान वित्त वर्ष में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी , सिद्ध और होम्योपैथी के लिए 1,939.76 करोड़ तय किया गया है जो पिछले वित्त वर्ष के संशोधित 1,692.77 करोड़ से 14.59 फीसद अधिक है। सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए नयी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के लिए 40 लाख आवंटित करने का प्रस्ताव रखा है।

कोलकाता के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी के लिए 50 करोड़ रूपये निर्धारित किये गये हैं। आयुष निर्गत प्रणाली को मजबूत करने के लिए केंद्र ने 92.31 करोड़ का प्रस्ताव रखा है। सरकार ने 2018-19 में इसके लिए 71.36 करोड़ तय किया था जिसे बाद में संशोधित कर 101.86 करोड़ कर दिया गया था। 

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