लोकसभा चुनावः 669 करोड़ का बैंक बैलेंस, देश में नंबर एक पार्टी बसपा, 471 करोड़ के साथ सपा दूसरे स्थान पर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 15, 2019 02:34 PM2019-04-15T14:34:21+5:302019-04-15T14:37:37+5:30
बसपा साल 2014 के लोकसभा चुनाव में अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी और मध्य प्रदेश में वह कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रही है। इसके अलावा पार्टी कहीं भी सत्ता में नहीं है।
सतीश कुमार सिंह
लोकसभा चुनाव में सबसे मालदार पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) है। बैंक बैलेंस के मामले में नंबर एक पर है मायावती की बसपा। बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और उसके बैंक बैलेंस के आगे तमाम राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियां कहीं नहीं ठहरतीं। इसी साल 25 फरवरी को चुनाव आयोग में बैंक बैलेंस की जानकारी देते हुए बसपा ने बताया कि उसके पास कुल 669 करोड़ रुपये हैं। यह आंकड़ा भाजपा से करीब 8 गुना और कांग्रेस से करीब साढ़े तीन गुना ज्यादा है।
बता दें कि बसपा साल 2014 के लोकसभा चुनाव में अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी और मध्य प्रदेश में वह कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रही है। इसके अलावा पार्टी कहीं भी सत्ता में नहीं है। इसके बावजूद पार्टी का बैंक बैलेंस में नंबर-1 होना बहुत से लोगों के लिए चौंकाने वाली बात हो सकती है।
बसपा के पास 95.54 लाख रुपये नकद
बसपा ने घोषित किया है कि उसके पास 95.54 लाख रुपये नकद हैं। यह व्यय रिपोर्ट पार्टियों की घोषित आय के आधार पर है। बसपा की सहयोगी पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) दूसरे स्थान पर आती है। उसके बैंक खातों में 471 करोड़ रुपये जमा हैं। पिछले साल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी की बैंक में जमा राशि 11 करोड़ रुपये घट गई।
कांग्रेस तीसरे, टीडीपी चौथे और भाजपा पांचवें स्थान पर
कांग्रेस तीसरे स्थान पर है। उसके बैंक खातों में 196 करोड़ रुपये हैं। हालांकि यह जानकारी पिछले साल दो नवंबर को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के समापन के बाद आयोग को दी गई जानकारी पर आधारित है। पार्टी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मिली जीत के बाद अपने बैंक खातों में मौजूद नकदी को अपडेट नहीं किया है। चौथे नंबर पर मौजूद तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के बैंक खातों में मौजूद राशि 107 करोड़ रुपये है। भाजपा पांचवें स्थान पर है। पार्टी के बैंक खातों में 82 करोड़ रुपये हैं। भाजपा ने दावा किया है कि उसने 2017-18 में कमाए गए 1027 करोड़ के चंदे में से 758 करोड़ खर्च कर दिए, जो कि किसी भी पार्टी द्वारा खर्च की गई सबसे अधिक राशि है। सपा का कहना है कि उसके 11 करोड़ रुपये नंवबर-दिसंबर महीने में चार राज्यों में हुए चुनाव के दौरान खर्च हो गए। वहीं बसपा का कहना है कि उसने विधानसभा चुनाव के दौरान 24 करोड़ रुपये जुटाए। जिसकी वजह से उसके बैंक खातों में मौजूद राशि 665 करोड़ से 670 करोड़ रुपये हो गई।
सबसे दक्षिणी बूथ पर नहीं पड़ा एक भी वोट
रिपोर्ट के अनुसार भारत के सबसे दक्षिणी पोलिंग बूथ शोम्पेन हट पर एक भी वोट नहीं पड़ा। यह पोलिंग बूथ अंडमान और निकोबार लोकसभा क्षेत्र के ग्रेट निकोबार द्वीप के शोम्पेन हट क्षेत्र में स्थित है। आदिवासी बहुल इस क्षेत्र में 31 आदिवासी वोटर्स के तौर पर रजिस्टर्ड हैं। 2014 में पहली बार यहां दो आदिवासियों ने वोट डाले थे। यह पहली बार था कि अंडमान निकोबार के आदिवासियों ने चुनावों में वोट डाले थे।
वोटर लिस्ट में नहीं है राहुल द्रविड़ का नाम
रिपोर्ट के अनुसार चुनाव अधिकारियों ने बताया है कि राहुल द्रविड़ का नाम मतदाता सूची में नहीं है। इसके चलते वह 18 अप्रैल को अपने लोकसभा क्षेत्र में होने वाले मतदान में वोट नहीं डाल पायेंगे। इसका कारण यह है कि जब राहुल द्रविड़ ने इस साल अपने माता-पिता के पूर्वी बेंगलुरु वाले घर से अपना घर उत्तरी बेंगलुरु शिफ्ट किया तो उन्होंने मतदाता सूची में अपना पता नहीं बदला।
100 दिन का एजेंडा बनाना शुरू कीजिए
रिपोर्ट के अनुसार पीएम नरेन्द्र मोदी दोबारा सत्ता में वापसी के प्रति आश्वस्त हैं। इसी के चलते उन्होंने पीएमओ, नीति आयोग और मुख्य वैज्ञानिक सचिव को सरकार का पहले 100 दिनों का ए्जेंडा तैयार करने को कहा है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री ने इस एजेंडा को तैयार करते हुए इस बात पर जोर रखने का आदेश दिया है कि अगले पांच सालों में कैसे जीडीपी की ग्रोथ को दहाई अंकों में ले जाया जाए।