मायावती ने कहा-संसद में सवर्ण आरक्षण का समर्थन करेगी उनकी पार्टी
By स्वाति सिंह | Published: January 8, 2019 10:36 AM2019-01-08T10:36:39+5:302019-01-08T10:36:39+5:30
उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संदेह जताया कि सरकारी नौकरियों में अगड़ी जातियों के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को दस फीसदी आरक्षण दिए जाने की केंद्र की तरफ से मिली मंजूरी व्यवहार्य है।
गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत के आरक्षण मामले में बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा 'हमारी पार्टी सवर्णों के आरक्षण का समर्थन करेगी। इसके साथ ही बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले को चुनावी स्टंट बताया और कहा कि अगर सरकार यह फैसला पहले करती तो बेहतर होता।
मायावती ने मंगलवार को कहा “लोकसभा चुनाव से पहले लिया गया यह फैसला हमें सही नियत से लिया गया फैसला नहीं बल्कि चुनावी स्टंट लगता है, राजनीतिक छलावा लगता है।” उन्होंने कहा कि अगर भाजपा अपना कार्यकाल ख़त्म होने से ठीक पहले नहीं बल्कि और पहले यह फैसला करती तो अच्छा होता ।
BSP chief Mayawati to ANI: Lok Sabha chunaav se pehle liya gaya ye faisla humein sahi niyat se liya gaya faisla nahi lagta hai, chunavi stunt lagta hai, rajnitik chalaava lagta hai, acha hota agar BJP apna karyakaal khatam hone se thik pehle nahi balki aur pehle le leti. pic.twitter.com/Iidi2rT0eC
— ANI (@ANI) January 8, 2019
उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संदेह जताया कि सरकारी नौकरियों में अगड़ी जातियों के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को दस फीसदी आरक्षण दिए जाने की केंद्र की तरफ से मिली मंजूरी व्यवहार्य है। बनर्जी ने कहा, 'अगर कमजोर तबके को नौकरी मिलती है तो मुझे काफी खुशी होगी। सबसे पहले सरकार को स्पष्ट करना होगा कि इसे लागू किया जाएगा अथवा नहीं, यह संवैधानिक रूप से वैध है या नहीं और क्या यह कानूनी रूप से वैध है अथवा नहीं। और क्या यह व्यवहार्य है या नहीं।'
बता दें कि नरेन्द्र मोदी की सरकार ने सोमवार को सरकारी नौकरियों में सवर्णों में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए दस फीसदी आरक्षण को मंजूरी दी। इस मंजूरी के बाद अगड़ी जाति के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण देने के लिए मोदी सरकार को संविधान में संशोधन करना होगा।