मायावती ने समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला, कहा- सपा का अंबेडर प्रेम ढोंग और छलावा है
By रुस्तम राणा | Published: September 29, 2022 07:40 PM2022-09-29T19:40:00+5:302022-09-29T19:40:00+5:30
अपने पहले ट्वीट पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने लिखा, "समाजवादी पार्टी द्वारा अपने चाल, चरित्र, चेहरा को ’अंबेडकरवादी’ दिखाने का प्रयास वैसा ही ढोंग, नाटक व छलावा है जैसा कि वोटों के स्वार्थ की खातिर अन्य पार्टियां भी अक्सर यहां ऐसा करती रहती हैं।
लखनऊ: बहुजन समाजवादी पार्टी की प्रमुख मायावती ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि सपा खुद को अंबेडकरवादी दिखाने का ढोंग कर रही है। गुरुवार को उन्होंने समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए एक के बाद एक तीन ट्वीट किए। अपने पहले ट्वीट पर बसपा सुप्रीमो लिखा, "समाजवादी पार्टी द्वारा अपने चाल, चरित्र, चेहरा को ’अंबेडकरवादी’ दिखाने का प्रयास वैसा ही ढोंग, नाटक व छलावा है जैसा कि वोटों के स्वार्थ की खातिर अन्य पार्टियां भी अक्सर यहां ऐसा करती रहती हैं। इनका दलित व पिछड़ा वर्ग प्रेम मुंह में राम बगल में छुरी को ही चरितार्थ करता है।"
1. समाजवादी पार्टी द्वारा अपने चाल, चरित्र, चेहरा को ’अम्बेडकरवादी’ दिखाने का प्रयास वैसा ही ढोंग, नाटक व छलावा है जैसा कि वोटों के स्वार्थ की ख़ातिर अन्य पार्टियाँ भी अक्सर यहाँ ऐसा करती रहती हैं। इनका दलित व पिछड़ा वर्ग प्रेम मुँह में राम बग़ल में छुरी को ही चरितार्थ करता है।
— Mayawati (@Mayawati) September 29, 2022
दूसरे ट्वीट में उन्होंने समाजवादी पार्टी को बहुजन और अंबडेकर विरोधी बताते हुए लिखा, "वास्तव में परमपूज्य डॉ भीमराव अंबेडकर के संवैधानिक व मानवतावादी आदर्शों को पूरा करके देश के करोड़ों गरीबों, दलितों, पिछड़ों, उपेक्षितों आदि का हित, कल्याण व उत्थान करने वाली कोई भी पार्टी व सरकार नहीं है और सपा का तो पूरा इतिहास ही अंबेडकर व बहुजन विरोधी रहा है।"
उन्होंने अपने तीसरे ट्वीट में लिखा, "सपा शासनकाल में बाबा साहेब डॉ अंबेडकर के अनुयाइयों की घोर उपेक्षा हुई व उनपर अन्याय-अत्याचार होते रहे। महापुरुषों की स्मृति में बीएसपी सरकार द्वारा स्थापित नए जिले, विश्वविद्यालय, भव्य पार्क आदि के नाम भी जातिवादी द्वेष के कारण बदल दिए गए। क्या यही है सपा का डॉ अंबेडकर प्रेम?"
3.सपा शासनकाल में बाबा साहेब डा अम्बेडकर के अनुयाइयों की घोर उपेक्षा हुई व उनपर अन्याय-अत्याचार होते रहे। महापुरुषों की स्मृति में बीएसपी सरकार द्वारा स्थापित नए जिले, विश्वविद्यालय, भव्य पार्क आदि के नाम भी जातिवादी द्वेष के कारण बदल दिए गए। क्या यही है सपा का डा अम्बेडकर प्रेम?
— Mayawati (@Mayawati) September 29, 2022
गौरतलब हैं कि अखिलेश यादव ने सपा को राष्ट्रीय पार्टी बनाने का आह्वान करते हुए बृहस्पतिवार को पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा था कि वे बाबा साहब अंबेडकर और समाजवाद के प्रणेता डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के सिद्धांतों पर चलने वाले लोगों को साथ जोड़कर संविधान और लोकतंत्र को बचाएं।