Nagpur News Update: BSNLटेंडर प्रक्रिया जारी, मेंटनेंस का काम निजी हाथों में
By वसीम क़ुरैशी | Published: March 3, 2020 04:18 PM2020-03-03T16:18:37+5:302020-03-03T16:18:37+5:30
सड़कों के चौड़ीकरण, नए फ्लाईओवर, मेट्रो ट्रेन के पुल व युटिलिटी शिफ्टिंग की वजह से निगम की लाइनें काफी हद तक नेस्तनाबूत हो गई थीं. इन्हें दुरुस्त करने में निगम को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा था.
नागपुरः भारतीय दूरसंचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) में 'महा प्रबंधन' के लिए भले ही कई अधिकारी नियुक्त रहे हैं लेकिन अब यहां कुछ नए प्रबंध की तैयारी है.
इसके तहत ही कनेक्शनों में आने वाले फॉल्ट (खराबी) के रखरखाव की जिम्मेदारी निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है. सड़कों के चौड़ीकरण, नए फ्लाईओवर, मेट्रो ट्रेन के पुल व युटिलिटी शिफ्टिंग की वजह से निगम की लाइनें काफी हद तक नेस्तनाबूत हो गई थीं. इन्हें दुरुस्त करने में निगम को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा था.
इसमें खर्च भी काफी हुआ लेकिन इसे यथावत करने के दौरान कई कनेक्शन बंद रहे. निगम को इसके लिए ग्राहकों की 'खरी-खोटी' भी सुननी पड़ी. अब इस सेवा के निजीकरण से निगम काफी हद तक निजात पा सकेगा. बताया जा रहा है कि इस निजीकरण के साथ ही बीएसएनएल की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा.
दरअसल, नियमित कर्मचारियों के वेतन के रूप में कुल राजस्व का लगभग 70 से 75 फीसदी खर्च होता था. इस व्यवस्था से यह खर्च 35 फीसदी में ही सिमट जाएगा. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सेवानिवृत्ति के बाद नई पोस्ट नहीं भरी जा रही हैं. इसके अलावा पदोन्नति पाने वालों की तादाद कम है.
कर्मचारी घट रहे हैं, सेवा के निजीकरण की तैयारी है लेकिन अधिकारी स्तर के पदों पर कोई विशेष अंतर नजर नहीं आ रहा है. कंपनी को फायदे में लाने के लिए मंत्रालय की ओर से सरकारी विभागों में बीएसएनएल का कम से कम एक कनेक्शन रखने की अपील की गई थी लेकिन इसके भी कोई सकारात्मक नतीजे सामने नहीं आए.
बहरहाल नए बदलाव व नई नीति पर अमल के साथ अगले 4-6 माह में निगम की वित्तीय स्थिति में व्यापक सुधार के आसार जताए जा रहे हैं.