कृष्णागंज: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पश्चिम बंगाल स्थित बांग्लादेश सीमा पर एक ऐसा काम किया है, जिसकी लोगों द्वारा सराहना की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक नदिया जिले में बांग्लादेश की सीमा से सटे एक गांव में एक 70 साल की महिला इला मंडल की मृत्यु हो गई, इला की आखिरी इच्छा थी कि उनका शव सीमापर स्थित उनके रिश्तेदारों को दिखाया जाए और इला की अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए परिवार ने इस मामले में बीएसएफ से गुहार लगाई।
समाचार वेबसाइट 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक सीमा पर तैनात बीएसएफ के अधिकारियों ने परिवारवालों की बात सुनी और मामले में अपने अधिकारियों को सूचित किया कि मृत इला का परिवार चाहता बै कि कटिले तारों के दूसरी तरफ स्थित इला के रिश्तेदार उनके आखिरी दर्शन कर सकें।
मामले में मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों ने इस बात की इजाजत दी कि बीएसएफ इला के शव को सीमा पर स्थित जीरो पॉइंट पर ले जाये और बांग्लादेश में रहने वाले इला के रिश्तेदारों को उनके शव के अंतिम दर्शन करवाये।
बीएसएफ की ओर से साझा की गई सूचना के अनुसार कृष्णागंज थाना क्षेत्र के मटियारी गांव की रहने वाली वृद्धा इला मंडल की गुरुवार को मौत हो गई। इला के कई रिश्तेदार बांग्लादेश के चुआडांगा में रहते हैं।
इला मंडल के परिवार ने बीएसएफ से इजाजत मांगी की इला के बांग्लादेशी रिश्तेदारों को उनके शव को अंतिम संस्कार से पहले दर्शन कर लेने दे।
बीएसएफ ने अधिकारियों की इजाजत मिलने के बाद बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड से संपर्क किया और उन्हें सारी बात बताते हुए इला के रिश्चेदारों को जिरो प्वाइंट तक आने की आज्ञा देने की गुजारिश की। जिसे बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड की ओर से मान लिया गया।
बीएसएफ कमांडिंग ऑफिसर देशराज सिंह ने कहा, "बीएसएफ भारतीय सीमा की रखवाली के साथ लोगों के सुख-दुख में भी साथ खड़ी रहती है।"
उन्होंने कहा कि इला की अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए पूरे सम्मान के साथ उनके शव को जीरो प्वाइंट पर लाया गया और उनके बांग्लादेशी रिश्तेदारों को अंतिम दर्शन करवाया गया।