बीएसएफ का क्षेत्राधिकार बढ़ाए जाने को पंजाब, बंगाल ने अधिकारों का अतिक्रमण करार दिया

By विशाल कुमार | Published: October 14, 2021 07:51 AM2021-10-14T07:51:19+5:302021-10-14T08:01:48+5:30

केंद्र ने बीएसएफ को अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किमी के भीतर क्षेत्र में तलाशी लेने, संदिग्धों को गिरफ्तार करने और जब्ती करने का अधिकार दिया है. हालांकि, गुजरात में यह क्षेत्राधिकारी 80 किमी से घटाकर 50 किमी कर दिया गया है.

bsf centre punjab west bengal intrusion on rights | बीएसएफ का क्षेत्राधिकार बढ़ाए जाने को पंजाब, बंगाल ने अधिकारों का अतिक्रमण करार दिया

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Highlightsबीएसएफ को पहले पंजाब और बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किमी तक कार्रवाई करने का अधिकार था।इस कदम के पीछे केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाये जा हैं.कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि इससे आधा पंजाब बीएसएफ के तहत चला जाएगा.

नई दिल्ली:पंजाब और पश्चिम बंगाल सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर के दायरे में तलाशी लेने और गिरफ्तारी करने का सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को अधिकार देने के केंद्र के कथित कदम पर बुधवार को कड़ी आपत्ति जताई और इसे संघवाद पर हमला करार दिया.

कुछ रिपोर्टों से पता चलता है कि केंद्र ने बीएसएफ को अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किमी के भीतर क्षेत्र में तलाशी लेने, संदिग्धों को गिरफ्तार करने और जब्ती करने का अधिकार दिया है. हालांकि, गुजरात में यह क्षेत्राधिकारी 80 किमी से घटाकर 50 किमी कर दिया गया है.

इससे पहले, बीएसएफ को पहले पंजाब और बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किमी तक कार्रवाई करने का अधिकार था. कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस कदम के पीछे भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाये हैं.

पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए ट्वीट किया, मैं अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के साथ 50 किमी के क्षेत्र में बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार देने के भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं, जो संघवाद पर सीधा हमला है. मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस असंगत निर्णय को तुरंत वापस लेने का आग्रह करता हूं.

https://twitter.com/CHARANJITCHANNI/status/1448283386942873606

उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी इस फैसले की निंदा की और केंद्र से इसे वापस लेने का आग्रह किया. रंधावा ने बीएसएफ अधिनियम की धारा 139 में हालिया संशोधन के लिए केंद्र पर बरसते हुये कहा कि यह संघवाद पर हमले के समान है.

उन्होंने कहा कि राज्यों से परामर्श किए बिना या उनकी सहमति प्राप्त किए बिना बीएसएफ अधिकारियों को पुलिस अधिकारियों की शक्तियां प्रदान करके केंद्र सरकार संविधान के संघीय ढांचे को ध्वस्त करने का प्रयास कर रही है.

हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस कदम के समर्थन में कहा, बीएसएफ की बढ़ी हुई उपस्थिति और शक्तियां ही हमें मजबूत बनाएगी। आइए केंद्रीय सशस्त्र बलों को राजनीति में न घसीटें.

वहीं, पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने आधा पंजाब केंद्र को देने के लिए चन्नी को दोषी ठहराया. अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने केंद्र और पंजाब दोनों की आलोचना की.

वहीं, पंश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री और टीएमसी नेता फरहाद हाकिम ने कहा कि केंद्र सरकार देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन कर रही है. कानून एवं व्यवस्था राज्य का विषय लेकिन केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से दखल देने की कोशिश कर रही है.

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र का फैसला राज्य के तहत आने वाले कानून व्यवस्था और पुलिसिंग के संवैधानिक अधिकारों का हनन करती है और इससे आधा पंजाब बीएसएफ के तहत चला जाएगा.

Web Title: bsf centre punjab west bengal intrusion on rights

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