भगोड़े विजय माल्या और नीरव मोदी पर ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री ने कहा, "हम नहीं चाहते यूके ऐसी जगह बने, जहां भगोड़े रहते हों"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 14, 2023 07:11 AM2023-08-14T07:11:11+5:302023-08-14T07:15:28+5:30
ब्रिटिश सुरक्षा मंत्री टॉम तुगेनधाट ने अरबपति भगोड़े विजय माल्या और नीरव मोदी पर कहा कि यूनाइटेड किंगडम का ऐसी जगह बनने का कोई इरादा नहीं, जहां न्याय से बचने की कोशिश करने वाले छिप सकें।
नयी दिल्ली: ब्रिटिश सुरक्षा मंत्री टॉम तुगेनधाट ने अरबपति भगोड़े विजय माल्या और नीरव मोदी के लंदन से भारत प्रत्यर्पण के लिए चल रहे प्रयास के बीच कहा कि यूनाइटेड किंगडम का ऐसी जगह बनने का कोई इरादा नहीं, जहां न्याय से बचने की कोशिश करने वाले छिप सकें।
मंत्री तुगेनधाट ने माल्या और मोदी के विशिष्ट मामलों का हवाला दिए बिना कहा कि प्रत्यर्पण से संबंधित मामलों में कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए।
समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, ''हम दोनों (यूके और भारत) के यहां कानूनी प्रक्रियाएं हैं, जिनसे गुजरना होगा। लेकिन यूके सरकार बिल्कुल स्पष्ट है। हमारा ऐसी जगह बनने का कोई इरादा नहीं है, जहां न्याय से बचने की कोशिश करने वाले छिप सकें।''
तुगेनधाट ने यह बात भारत में कही। वो कोलकाता में 10-12 अगस्त तक आयोजित जी20 भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए भारत यात्रा पर हैं। मंत्री तुगेनधाट ने दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बातचीत की।
ब्रिटिश सुरक्षा मंत्री तुगेनधाट ने ब्रिटेन में रह रहे माल्या और नीरव मोदी समेत कई आर्थिक अपराधियों के भारत प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन की स्थिति को स्पष्ट कर रहे थे। भारत भगोड़ा हीरा व्यापारी नीरव मोदी पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर मुकदमा चलाना चाहता है।
52 साल के नीरव मोदी पिछले साल लगभग 2 अरब अमेरिकी डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक ऋण घोटाला मामले में भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ ब्रिटेन की उच्चतम अदालत में अपनी कानूनी लड़ाई हार गए थे। लेकिन उनके मामले को अब "क़ानून वर्जित" कहा गया है, जो आगे लंबित मुकदमेबाजी का संकेत देता है।
वहीं अगर विजय माल्या की बात करें तो वो मार्च 2016 में यूनाइटेड किंगडम भाग गये थे। माल्या भारत में 9,000 करोड़ रुपये के डिफॉल्ट के मामले में वांछित है, जिनके किंगफिशर एयरलाइंस को कई बैंकों ने ऋण दिया था।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ बातचीत के बारे में पूछे जाने पर ब्रिटिश सुरक्षा मंत्री तुगेनधाट ने वार्ता के विषय में बोलने से इनकार कर दिया, उन्होंने केवल इतना कहा कि दोनों के बीच व्यापक द्विपक्षीय सहयोग और दोनों देशों की सुरक्षा एवं नागरिकों की समृद्धि पर बातचीत हुई।
उन्होंने कहा, "हम अपने दोनों देशों की सुरक्षा और हमारे नागरिकों की समृद्धि, देश और विदेश में अपना व्यवसाय संचालित करने की क्षमता के बारे में बातचीत की।"
उन्होंने कहा, "लेकिन हमने उन चुनौतियों के बारे में भी बात कर रहे हैं, जिनका हम सामना कर रहे हैं और हम दोनों ने अलग-अलग तरीकों से यह स्पष्ट कर दिया है कि चीन की चुनौती वह चुनौती है जो हम दोनों के सामने है और हमने आपकी उत्तरी सीमा पर घटनाएं देखी हैं। हमने देखा है कि किस तरह से प्रौद्योगिकी बदल गई है और जिस तरह से हमें चीन के साथ उन क्षेत्रों में मुकाबला करने की आवश्यकता है।"
इसके साथ ही मंत्री तुगेनधाट ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे भारत और यूके कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से संबंधित नई प्रौद्योगिकियों में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "आज हम देखते हैं कि भारत सिर्फ भारतीय एआई का केंद्र नहीं है, यह ब्रिटिश एआई का भी केंद्र है।" (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)