'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की लागत पर ब्रिटेन का तंज, कहा- हमसे कर्ज लेकर भारत ने बनाई दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति!
By आदित्य द्विवेदी | Updated: November 3, 2018 15:48 IST2018-11-03T15:48:32+5:302018-11-03T15:48:32+5:30
ब्रिटिश सांसद पीटर बोन का कहना है, 'हमसे 1.1 बिलियन यूरो की मदद लेकर उस दौरान 330 मिलियन यूरो एक स्टैच्यू बनाने में खर्च कर देना बिल्कुल बकवास काम है। ये पागलपन है।'

'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की लागत पर ब्रिटेन का तंज, कहा- हमसे कर्ज लेकर भारत ने बनाई दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति!
दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा सरदार पटेल की 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' है। 31 अक्टूबर को इसका उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे गर्व का विषय बताया है। दुनिया भर में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की चर्चा हो रही है। ब्रिटेन ने इसकी लागत को लेकर भारत पर तंज कसा है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक जब भारत में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का निर्माण हो रहा था उस दौरान ब्रिटेन ने भारत को 1 बिलियन यूरो (करीब 83 अरब रुपये) का दान दिया। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को बनाने में 56 महीने और 330 मिलियन यूरो (करीब 27 अरब रुपये) खर्च हुए। इस दौरान ब्रिटिश टैक्सपेयर्स ने भारत को विदेशी सहायता के नाम पर 1.17 बिलियन यूरो दान किए हैं।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात स्थित नर्मदा नदी के तट पर सरदार पटेल की प्रतिमा का लोकार्पण किया। इसकी घोषणा भी नरेंद्र मोदी ने ही गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए की थी। इसकी शुरुआत साल 2012 में हुई थी। उस वर्ष ब्रिटेन ने 330 मिलियन यूरो भारत को दान किए थे।
इसी प्रकार 2013 में 268 मिलियन यूरो और 2014 में 278 मिलियन यूरो दान किए गए। 2015 में ब्रिटेन ने 185 मिलियन यूरो दान किए। उसके बाद के सालों में भी थोड़ी बहुत सहायता मिलती रही है। एक तरफ भारत ने ब्रिटेन से करीब 1 बिलियन यूरो की मदद ली और दूसरी तरफ 597 फीट का स्टैच्यू खड़ा करने में 330 मिलयन खर्च कर दिए।
ब्रिटिश सांसद पीटर बोन का कहना है, 'हमसे 1.1 बिलियन यूरो की मदद लेकर उस दौरान 330 मिलियन यूरो एक स्टैच्यू बनाने में खर्च कर देना बिल्कुल बकवास काम है। ये पागलपन है।' उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा, 'यह साबित करता है कि हमें भारत को पैसे नहीं देने चाहिए। हालांकि ये उनके ऊपर है कि वो अपना पैसा कैसे खर्च करते हैं लेकिन अगर वो एक स्टैच्यू का खर्च वहन कर सकते हैं तो ये अब हमें उस देश को मदद नहीं देनी चाहिए।'
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की खास बातेंः-
- 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। साल 2010 में उन्होंने इसकी घोषणा की थी।
- अक्टूबर 2013 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने इसका फाउंडेशन स्टोन रखा।
- 42 महीने के अंदर 2,989 करोड़ रुपये की लागत से इस मूर्ति को बनाकर तैयार कर लिया गया है।
- पीएम मोदी का मानना है कि 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' की तरह ही पटेल की ये मूर्ति सैलानियों के लिए भारत में मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा।
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी मान्यूमेंट का डिजायन इंडियन स्कल्पटर राम वी सुतार ने तैयार किया।
- इस मूर्ति के बेस में एक मेमोरियल, विजिटर सेंटर, कन्वेंशन सेंटर, गार्डेन और एम्यूजमेंट पार्क होगा।
- इसके अलावा एक हैवी लोड ओपेन लिफ्ट स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के अंदर रहेगी जो मूर्ति के सीने तक जाएगी। इस वजह से 400 फीट की ऊंचाई से भी मनोरम नजारा देख सकते हैं।
- यहां 15 मिनट के लेजर लाइट एंड साउंड शो को भी चलाया जाएगा जिसमें सरदार पटेल की जीनव यात्रा दिखाई जाएगी।