नाश्ते में इडली और वड़ा के साथ ही सत्ता की खींचतान कम?, आखिर कैसे 60 दिन बाद सीएम सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार फिर से एकजुट?, जानें कहानी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 29, 2025 17:26 IST2025-11-29T17:26:00+5:302025-11-29T17:26:58+5:30

Karnataka Congress Crisis: सिद्धरमैया ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “मैंने शिवकुमार के साथ नाश्ते पर मुलाकात की क्योंकि कुछ भ्रम पैदा किया गया था। यह मीडिया द्वारा फैलाया गया था।”

Breakfast at Cauvery Karnataka Congress Crisis How did CM Siddaramaiah Deputy CM DK Shivakumar unite again power struggle subside Idli and Vada for breakfast | नाश्ते में इडली और वड़ा के साथ ही सत्ता की खींचतान कम?, आखिर कैसे 60 दिन बाद सीएम सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार फिर से एकजुट?, जानें कहानी

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Highlights कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि वे पार्टी आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे।कांग्रेस आलाकमान के कहने पर मुख्यमंत्री ने नाश्ते पर शिवकुमार को मिलने के लिए बुलाया था। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच सत्ता संघर्ष जारी रहा तो पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।

बेंगलुरुः कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शनिवार को एक साथ नाश्ता किया। नाश्ते में भले ही इडली और वड़ा हो लेकिन इस मुलाकात से कर्नाटक के दो कद्दावर नेताओं के बीच सत्ता की खींचतान कम होती दिखी। शिवकुमार, सिद्धरमैया के आवास ‘कावेरी’ पर नाश्ते के लिए पहुंचे थे, जिसके बाद दोनों नेताओं ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। दोनों नेताओं ने जोर देकर कहा कि उनके बीच कोई मतभेद नहीं है और भविष्य में भी वे एकजुट रहेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि वे पार्टी आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे।

ढाई साल का कार्यकाल पूरा करने वाली कांग्रेस सरकार को परेशान करने वाले इस मुद्दे पर गतिरोध को खत्म करने के लिए कांग्रेस आलाकमान के कहने पर मुख्यमंत्री ने नाश्ते पर शिवकुमार को मिलने के लिए बुलाया था। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चेतावनी दी थी कि अगर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच सत्ता संघर्ष जारी रहा तो पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।

सिद्धरमैया ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “मैंने शिवकुमार के साथ नाश्ते पर मुलाकात की क्योंकि कुछ भ्रम पैदा किया गया था। यह मीडिया द्वारा फैलाया गया था।” उन्होंने कहा, “हमारे बीच कोई मतभेद नहीं हैं। आज भी कोई मतभेद नहीं हैं, भविष्य में भी नहीं होंगे। मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि अब से कोई मतभेद न रहे।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे एकजुट हैं और मिलकर 2028 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। सिद्धरमैया ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोई भी मंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी का विधायक सरकार के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा, “हम विधानसभा में लड़ेंगे। हमने भाजपा और जनता दल सेक्युलर (जदएस) का सामना करने की रणनीति बना ली है। वे कह रहे हैं कि अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा।

अगर वे स्थगन प्रस्ताव लाते हैं तो हम उससे निपटेंगे।” शिवकुमार ने कहा कि जनता ने कांग्रेस का समर्थन कर उसे सत्ता सौंपी है इसलिए पार्टी को उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना होगा। शिवकुमार ने मुख्यमंत्री के साथ मतभेदों को खारिज करते हुए कहा, “हमारे बीच कोई गुटबाजी नहीं है। हम साथ चलेंगे, सबको साथ लेकर चलेंगे और पार्टी आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे।”

कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने 2028 के विधानसभा चुनावों में विपक्षी दलों और बेलगावी में कर्नाटक विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में भाजपा द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने की स्थिति में निपटने के तरीकों पर भी चर्चा की। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी 2028 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ेगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा, “देश में पार्टी बहुत कठिन दौर से गुजर रही है, हमें अब भी विश्वास है कि कर्नाटक (इसके पुनरुद्धार में) एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।

और हम 2028 में 2023 की चुनावी जीत दोहराएंगे।” इससे पहले, शिवकुमार ने नाश्ते की मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था कि दोनों नेताओं के बीच सार्थक चर्चा हुई। उन्होंने कहा, “आज सुबह कावेरी निवास पर माननीय मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से नाश्ते पर मुलाकात की। कर्नाटक की प्राथमिकताओं और आगे की राह पर एक सार्थक चर्चा हुई।”

सभी की निगाहें बैठक के परिणाम पर टिकी थीं। सिद्धरमैया यह दावा कर रहे थे कि उन्हें पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बने रहने का जनादेश मिला है जबकि शिवकुमार ने संकेत दिया कि उनसे वादा किया गया था कि उन्हें ढाई साल बाद सत्ता की कमान सौंपी जाएगी।

नेतृत्व परिवर्तन का मुद्दा पिछले दो महीनों से जारी है लेकिन 20 नवंबर को कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद यह और तेज हो गया। कांग्रेस आलाकमान ने शुक्रवार को मामले में हस्तक्षेप किया और दोनों नेताओं से बातचीत कर इस मुद्दे को सुलझाने को कहा था। इसके बाद, शुक्रवार को सिद्धरमैया ने शिवकुमार को नाश्ते पर मिलने के लिए अपने आवास बुलाया।

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