बिहार: जीतन राम मांझी ने किया ब्राह्मण-दलित एकता महाभोज का आयोजन, भोज के दौरान हुआ हंगामा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 27, 2021 17:52 IST2021-12-27T17:50:20+5:302021-12-27T17:52:45+5:30
हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने पटना में अपने सरकारी आवास पर ब्राह्मण-दलित एकता महाभोज दिया। इस दौरान हंगामा होने की बात भी सामने आई।

बिहार: जीतन राम मांझी ने किया ब्राह्मण-दलित एकता महाभोज का आयोजन, भोज के दौरान हुआ हंगामा
पटना: ब्राह्मणों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद बढ़े विवाद को लेकर आज बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने पटना में अपने सरकारी आवास पर ब्राह्मण-दलित एकता महाभोज दिया। इस दौरान हंगामा होने की बात भी सामने आई। पूर्व मुख्यमंत्री के आवास परिसर के बाहर भी जीतन राम मांझी के समर्थकों के साथ विरोध कर रहे लोगों की झड़प हुई।
वहीं, कुछ लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि मांझी समर्थकों ने भोज में बुलाकर अपमानित किया और उन्हें धक्का देकर आवास से बाहर निकाल दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्राह्मण-दलित एकता भोज में शामिल होने के लिए काफी संख्या में जीतन राम मांझी के आवास पर लोग जमा हुए थे। हालांकि, इनमें ब्राह्मणों की संख्या करीब 25-30 बताई जा रही है, जो उन्हीं के इलाके से लाये गये थे।
वहीं, भोज शुरू होते ही फोटो सेशन के चक्कर में अव्यवस्था उत्पन्न हो गई। मांझी के साथ दिखने की चाहत में भोज में शामिल होने पहुंचे कई लोग भोजन की थाली में ही गिर पड़े। इस भोज में पहले केवल पंडितों को ही शामिल होने का न्योता दिया गया था। शर्त थी कि जो मांस-मदिरा का सेवन ना करते हों और कभी चोरी डकैती ना की हो वह शामिल हो सकते हैं।
बाद में इस आयोजन में थोडा परिवर्तन किया गया और दलितों को भी इसमें जोडा गया। ब्राह्मण-दलित एकता महाभोज के दौरान मांझी स्वयं दही-चूड़ा परोसते दिखे। आयोजन स्थल के बाहर भगवान परशुराम, बाबा साहेब अंबेडकर और माउंटेन मैन दशरथ मांझी की तस्वीर लगाई गई है।
वहीं, इस महाभोज के बाद जीतन राम मांझी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कुछ लोगों गलत तरीके से मेरे बयान को तूल दे रहे थे। कहा जा रहा था कि मेरे बयान से ब्राह्मण समाज में नाराजगी है। इसको परखने लिए हमने आज ब्राह्मण-दलित एकता महाभोज दिया। उन्होंने मीडिया के सवालों को जवाब देते हुए कहा कि वे राम और कृष्ण को नहीं मानते हैं। वे जो दिख रहा है, उसे मानते हैं। वे भगवान सूर्य को मानते हैं।
इस बीच मांझी का विवादों से नाता टूटने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ मांझी खुद भोज में आए लोगों के लिए खाना परोस रहे थे तो दूसरी तरफ उनपर दोबारा बोली लग गई है। बिहार में जीभ काटने पर इनाम देने की घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश में मांझी का सिर कलम करने वाले को 21 लाख रुपये दिए जाने की बात कही गई है।
उल्लेखनीय है कि मांझी के बयान पर बिहार में गजेंद्र झा ने 11 लाख रुपये इनाम देने की बात कही थी। मांझी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द बोलने भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रहे गजेंद्र को पार्टी ने निलंबित कर दिया था।
बताया जा रहा है कि भोज करने का उद्देश्य मांझी के ब्राह्मणों के खिलाफ की गई विवादित टिप्पणी से हुए डैमेज को कंट्रोल करना है। बता दें कि 18 दिसंबर को भुइयां समाज के सम्मेलन में मांझी ने कहा था कि दलित समाज में आजकल सत्य नारायण भगवान की पूजा का प्रचलन काफी तेज हो गया है। जगह-जगह ब्राह्मण जाकर सत्य नारायण भगवान की पूजा कराते हैं।
हमारे समाज में ब्राह्मण...(गाली) जाते हैं, लेकिन खाना नहीं खाते हैं। सिर्फ पैसा लेते हैं।' हालांकि इस बयान पर हंगामा होने पर पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने एक बार ब्राह्मणों से माफी मांगी, लेकिन दूसरी बात यह कह दिया कि हम ऐसे ब्राह्मणों से माफी नहीं मांग रहे हैं, जो मीट-मछली और दारू का सेवन करते हैं। मीट-मछली और शराब का सेवन नहीं करते हैं, उनके लिए हम भोज का आयोजन करेंगे।