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बिहार ने चीन को दिया बड़ा झटका, नीतीश सरकार ने रद्द किए चीनी कंपनियों के मेगा प्रोजेक्ट

By आदित्य द्विवेदी | Updated: June 29, 2020 08:10 IST

बिहार सरकार के सड़क निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के टेंडर के लिए चुने गए चार कॉन्ट्रैक्टर में से दो की पार्टनर चीनी कंपनियां थीं। अब नए सिरे से टेंडर जारी किए जाएंगे।

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ठळक मुद्देपटना में इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए चाइना हार्बर इंजीनियरिंग और शानशी रोड ब्रिज ग्रुप कंपनी (ज्वाइंट वेंचर) को चुना गया था।इस मेगा प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार के आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने मंजूरी दी थी।

'बॉयकाट चीन' मुहिम के तहत बिहार ने चीन को बड़ा झटका दिया है। नीतीश सरकार ने रविवार को चीनी कंपनियों को दिया गया एक बड़ा प्रोजेक्ट रद्द करने की घोषणा की। इस प्रोजेक्ट पटना में गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के बगल में एक पुल बनने जा रहा था। बिहार सरकार के सड़क निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के टेंडर के लिए चुने गए चार कॉन्ट्रैक्टर में से दो की पार्टनर चीनी कंपनियां थीं।

नंदर किशोर यादव ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, 'महात्मा गांधी सेतु के बगल में बनाए जाने वाले पुल के टेंडर में 2 चीनी पार्टनर थे। हमने उन्हें बदलने के लिए कहा लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसलिए हमने टेंडर रद्द कर दिया।' 

गौरतलब है कि पटना में इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए चाइना हार्बर इंजीनियरिंग और शानशी रोड ब्रिज ग्रुप कंपनी (ज्वाइंट वेंचर) को चुना गया था। इस मेगा प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार के आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने मंजूरी दी थी। इससे पहले हरियाणा और महाराष्ट्र ने भी चीनी कंपनियों को दिए अपने हजारों करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी थी।

बता दें कि लद्दाख विवाद के बाद देश में चीन के खिलाफ लगातार आक्रोश जारी है। 15 जून को हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद सरकार के स्तर पर भी चीन को आर्थिक झटका देने पर लगातार विचार किया जा रहा है।

महाराष्ट्र ने दिया 5 हजार करोड़ का झटका

चीन के साथ तनातनी के बीच महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार ने चीनी कंपनियों के साथ हाल में हुए तीन बड़े करार पर रोक लगा दी है। ये करार करीब 5000 करोड़ के परियोजनाओं से जुड़े थे और हाल में 'मैगनेटिक महाराष्ट्र 2.0 इंवेस्टर' समिट के दौरान हुए थे। इनमें से एक करार 3,770 करोड़ रुपये का था। ये चीन के ग्रेट वॉल मोटर्स (GWM) के साथ था। इसमें पुणे के करीब तालेगांव में एक ऑटोमोबाइल प्लांट लगाने की बात थी। वहीं, दूसरा करार पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी और फोटोन (चीन) का ज्वायंट वेंचर था। ये 1000 करोड़ रुपये का था। 

रेलवे ने भी रद्द किया था चीनी कंपनी का ठेका

रेलवे ने भी चीनी कंपनी का ठेका रद्द किया था। यह प्रॉजेक्ट करीब 417 करोड़ का था। साथ ही भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) ने चीनी कंपनी के टेंडर को कैंसिल कर दिया था। इससे चीन को करीब 3 हजार करोड़ का नुकसान होगा।

बीएसएनएल ने दिया झटका

भारत सरकार ने सरकारी टेलिकॉम कंपनियों से किसी भी चीनी कंपनी के इक्विपमेंट्स का इस्‍तेमाल न करने को कहा है। भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) के टेंडर को कैंसिल कर दिया गया है। इससे चीन को करीब 3 हजार करोड़ का नुकसान होगा।

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