एंटीबॉडी की मात्रा बढ़ाती है बूस्टर खुराक, ओमीक्रोन से बचाव की संभावना भी बढ़ जाती है: वैज्ञानिक

By भाषा | Updated: December 12, 2021 13:37 IST2021-12-12T13:37:59+5:302021-12-12T13:37:59+5:30

Booster dose increases the amount of antibodies, also increases the chances of protection against Omicron: Scientist | एंटीबॉडी की मात्रा बढ़ाती है बूस्टर खुराक, ओमीक्रोन से बचाव की संभावना भी बढ़ जाती है: वैज्ञानिक

एंटीबॉडी की मात्रा बढ़ाती है बूस्टर खुराक, ओमीक्रोन से बचाव की संभावना भी बढ़ जाती है: वैज्ञानिक

(उज्मी अतहर)

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोविड-19 रोधी बूस्टर खुराक से परिसंचारी एंटीबॉडी की मात्रा बढ़ जाती है और यह भी देखा गया है कि इससे ओमीक्रोन संक्रमण से बचाव की संभावना में भी इजाफा होता है।

वैज्ञानिकों ने रेखांकित किया कि बूस्टर खुराक उन लोगों के बचाव के लिये सबसे आसान कदम है, जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है।

यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) ने कहा है कि ओमीक्रोन के खिलाफ प्रभावी माने जाने वाले कोविशील्ड टीके की बूस्टर खुराक और कोविड-19 रोधी टीके की तीसरी बूस्टर खुराक ओमीक्रॉन स्वरूप से संक्रमण से 70-75 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान करती है। इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विषाणु वैज्ञानिकों और महामारी विशेषज्ञों ने रेखांकित किया कि (पोलियो या ओपीवी, खसरा जैसे रोगों के टीके को छोड़कर) किसी भी टीके की बूस्टर खुराक एंटीबॉडी का स्तर तेजी से बढ़ा देती है।

प्रख्यात विषाणु विज्ञानी डॉ. शाहिद जमील ने कहा कि दो खुराक देने के बाद एक बूस्टर खुराक देने से परिसंचारी एंटीबॉडी की मात्रा बढ़ जाती है और यह देखा गया है कि यह ओमीक्रोन रोगसूचक संक्रमण से बचाव की संभावना को बढ़ा देती है।

उन्होंने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, ''हम नहीं जानते कि गंभीर बीमारी से बचाव के लिए दो खुराक किस कदर कारगर हैं।''

भारत में अधिकतर लोगों को कोविशील्ड की खुराक दी जा चुकी हैं, ऐसे में अब उसे क्या करना चाहिये। इस सवाल पर भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टिया के सलाहकार समूह के पूर्व प्रमुख जमील ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जिन लोगों को कोविशील्ड की केवल एक खुराक मिली है, उन्हें दूसरी खुराक 12-16 सप्ताह के बजाय 8-12 सप्ताह में ही दे दी जाए।

उन्होंने कहा, ''भारतीय टीकों कोवैक्सिन और कोविशील्ड का सीरा कितनी अच्छी तरह से वायरस को बेअसर करता है, यह जानने के लिए प्रयोगशाला में ओमीक्रोन पर अध्ययन किया जाए। बूस्टर पर एक नीति बनाएं। किस टीके का उपयोग करना है? किस तरह लगाना है? और कब? एक नीति बनाएं और किशोरों के साथ बच्चों का टीकाकरण शुरू करें।''

प्रसिद्ध विषाणु विज्ञानी डॉ. टी. जैकब जॉन ने कहा कि (पोलियो या ओपीवी, खसरा जैसे रोगों के टीके को छोड़कर) किसी भी टीके की बूस्टर खुराक एंटीबॉडी का स्तर तेजी से बढ़ा देती है।

उन्होंने कहा, ''फाइजर टीके की बूस्टर खुराक तो एंटीबॉडी का स्तर 40 गुना तक बढ़ा देती है।''

उन्होंने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, ''अगर हम ओमीक्रोन के अज्ञात जोखिमों के बारे में सतर्क होना चाहते हैं, तो अधिक से अधिक लोगों को बूस्टर खुराक देना सबसे आसान कदम है, विशेष रूप से उन लोगों को जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम है। साथ ही बुजुर्गों और विभिन्न रोगों से पीड़ित लोगों के लिये भी ऐसा किया जा सकता है। यह उनके लिये लाभदायक है।''

आईसीएमआर के विषाणु विज्ञान उन्नत अनुसंधान केंद्र के पूर्व निदेशक जॉन ने जोर देकर कहा कि बच्चों को भी टीका लगाया जाना चाहिए क्योंकि आबादी के एक बड़े हिस्से को टीका नहीं लगाए जाने से मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

उन्होंने कहा, ''प्रमाण की प्रतीक्षा करने से बेहतर बचाव है। सुरक्षा प्रदान करने में देरी का मतलब सुरक्षा से वंचित होना भी हो सकता है।

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Web Title: Booster dose increases the amount of antibodies, also increases the chances of protection against Omicron: Scientist

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