बंबई उच्च न्यायालय ने फर्जी टीकाकरण अभियान से बचने के लिए नीति बनाने को कहा

By भाषा | Updated: June 22, 2021 13:54 IST2021-06-22T13:54:42+5:302021-06-22T13:54:42+5:30

Bombay High Court asked to formulate policy to avoid fake vaccination campaign | बंबई उच्च न्यायालय ने फर्जी टीकाकरण अभियान से बचने के लिए नीति बनाने को कहा

बंबई उच्च न्यायालय ने फर्जी टीकाकरण अभियान से बचने के लिए नीति बनाने को कहा

मुंबई, 22 जून बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को धोखाधड़ी या फर्जी टीकाकरण अभियान की घटनाओं से बचने के लिए जरूरत के आधार पर एक नीति तय करने का निर्देश दिया।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने मुंबई के कांदिवली इलाके की एक आवासीय सोसाइटी में हुई घटना की खबर का संज्ञान लिया। इस आवासीय सोसाइटी में आयोजित शिविर में फर्जी कोविड-19 रोधी टीके से टीकाकरण अभियान चलाया गया। अदालत ने कहा कि राज्य या निगम प्राधिकारों को जरूर इसका हिस्सा होना चाहिए और सोसाइटी और कार्यालय द्वारा आयोजित शिविरों में निजी टीकाकरण अभियान के संबंध में सभी जरूरी सूचनाएं उसके पास होनी चाहिए।

पीठ ने राज्य सरकार को घटना के संबंध में पुलिस की जांच पर प्रगति रिपोर्ट 24 जून तक सौंपने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘एक नीति होनी चाहिए। आवसीय सोसाइटी, अस्पतालों, निकायों के संबंध में सूचनाएं होनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं ना हों।’’ पीठ ने कहा, ‘‘यहां सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि जब पूरी मानवता परेशानियों का सामना कर रही है, तब भी कुछ लोग इस तरह की धोखाधड़ी कर रहे हैं।’’

उच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य के प्राधिकारों को ऐसी घटनाओं को हल्के में नहीं लेना चाहिए और पूछा कि क्या धोखाधड़ी करने वालों पर महामारी कानून या आपदा प्रबंधन कानून के तहत मामले दर्ज किए गए। पीठ ने कहा, ‘‘जांच में देरी नहीं होनी चाहिए। जांच की प्रगति से हमें अवगत कराएं। यह गंभीर मामला है। जालसाज बेकसूर लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।’’

पीठ ने कहा, ‘‘राज्य और बीएमसी के पास निजी टीकाकरण शिविरों के लिए जरूरत के आधार पर एक नीति या निर्देश होना चाहिए ताकि आगे ऐसी घटनाएं ना हों।’’ अदालत ने वकील अनिता शेखर कैस्टेलिनो की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि पुलिस को ऐसे गिरोहों को बेनकाब करना चाहिए।

राज्य के वकील दीपक ठाकरे ने अदालत को बताया कि कांदिवली मामले में पांच लोग आरोपी हैं। उनमें से चार लोग गिरफ्तार कर लिए गए हैं और एक डॉक्टर फरार है। अदालत ने निर्देश दिया कि पुलिस को सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे।

इस मामले में अदालत 24 जून को आगे सुनवाई करेगी।

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Web Title: Bombay High Court asked to formulate policy to avoid fake vaccination campaign

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