बीएमसी चुनावः दो परिवारवादी दल एक साथ आएं, हार के डर से गठबंधन किया?, भाजपा ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे गठबंधन पर किया तंज

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 24, 2025 16:47 IST2025-12-24T16:46:24+5:302025-12-24T16:47:18+5:30

BMC Elections: आगामी बृह्नमुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) चुनावों में अपनी जमानत जब्त होने से बचाने के लिए वे एकजुट हुए हैं।

BMC Elections 2 dynastic parties together did alliance out fear defeat BJP takes dig alliance Uddhav Thackeray and Raj Thackeray | बीएमसी चुनावः दो परिवारवादी दल एक साथ आएं, हार के डर से गठबंधन किया?, भाजपा ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे गठबंधन पर किया तंज

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Highlightsबीएमसी चुनाव 15 जनवरी को होंगे।गठबंधन के तहत विकास को चुनना चाहती है।पार्टियों के गठबंधन की घोषणा की।

मुंबईः भाजपा ने बुधवार को कहा कि आगामी बीएमसी चुनावों में हार के डर से दो ‘‘परिवारवादी’’ दल एकजुट हो गए हैं। शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा अपनी पार्टियों के गठबंधन की घोषणा के बाद भाजपा ने ये टिप्पणी की। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, ‘‘दो परिवारवादी दल एक साथ आ गए हैं। हार के डर से उन्होंने गठबंधन कर लिया है। मुंबई की जनता राजग-भाजपा गठबंधन के तहत विकास को चुनना चाहती है।’’

उन्होंने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि आगामी बृह्नमुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) चुनावों में अपनी जमानत जब्त होने से बचाने के लिए वे एकजुट हुए हैं। भंडारी ने कहा, ‘‘मुंबई की जनता राजग-भाजपा के साथ है और वे विकास को ही चुनेंगे।’’ महीनों से जारी अटकलों पर विराम लगाते हुए शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने 15 जनवरी को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के चुनाव से पहले बुधवार को अपनी पार्टियों के गठबंधन की घोषणा की।

राज ठाकरे के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि दो दल साथ रहने के लिए एकसाथ आए हैं। दोनों ने कहा कि वे ‘मराठी मानुष’ और महाराष्ट्र के हित के लिए एकजुट हुए हैं। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे दोनों चचेरे भाई हैं। उद्धव ने कहा कि उनके दादा प्रबोधनकर ठाकरे एक समाज सुधारक और लेखक थे।

वह संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति थे तथा उनके पिता बाल ठाकरे व चाचा श्रीकांत, जो राज ठाकरे के पिता थे, वे भी इस आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। इन सभी ने यह सुनिश्चित करने में अहम योगदान दिया कि मुंबई राज्य का हिस्सा बना रहे। राज ठाकरे ने हालांकि बीएमसी चुनाव में दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे की विस्तृत जानकारी साझा नहीं की।

राज ने कहा, ‘‘मुंबई का महापौर मराठी होगा और वह हमारा होगा।’’ उद्धव ने कहा कि दोनों पार्टियों ने नासिक नगर निगम के लिए सीट के बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया है जहां 15 जनवरी को चुनाव होने हैं, साथ ही मुंबई और राज्य के 27 अन्य नगर निगमों में भी चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा कि अन्य नगर निकायों में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत जारी है।

उद्धव ने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में जो हो रहा है उसे सहन न कर पाने वाले हमारे साथ आ सकते हैं।’’ इस संवाददाता सम्मेलन को लेकर अत्यधिक चर्चा थी, जो मुश्किल से 16 मिनट चला और 227 वार्ड वाले बीएमसी में सीट बंटवारे की व्यवस्था पर बिना किसी स्पष्ट घोषणा के समाप्त हो गया। राज ने अहम बीएमसी चुनाव के लिए दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे का विवरण साझा नहीं किया।

जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि कुछ वार्ड में जहां दोनों पार्टियों का प्रभाव है, वहां अब भी बातचीत जारी है। संवाददाता सम्मेलन वर्ली के एक आलीशान होटल में आयोजित किया गया, जो शिवसेना (उबाठा) नेता आदित्य ठाकरे का निर्वाचन क्षेत्र है। संवाददाता सम्मेलन स्थल की पृष्ठभूमि में लगे बैनर पर अविभाजित शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की तस्वीर और शिवसेना (उबाठा) तथा मनसे के पार्टी चिह्न लगे थे।

स्थल पर आने से पहले राज और उद्धव ने शिवाजी पार्क में बाल ठाकरे की समाधि पर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद दोनों राज की गाड़ी में एक साथ सम्मेलन स्थल पहुंचे। परिवारिक सौहार्द संवाददाता सम्मेलन में भरपूर दिखा। इस दौरान उद्धव की पत्नी रश्मि और पुत्र आदित्य तथा राज की पत्नी शर्मिला और पुत्र अमित भी मौजूद थे।

पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव में शिवसेना (उबाठा) ने 288 में से 20 सीट जीती थीं, जबकि मनसे को कोई सफलता नहीं मिली। दोनों पार्टियां महाराष्ट्र सरकार के स्कूलों में त्रि-भाषा फॉर्मूला लागू करने और हिंदी भाषा ‘‘थोपने’’ के फैसले का विरोध करने के लिए साथ आईं। राज्य सरकार ने कक्षा एक से पांचवी तक के लिए हिंदी के साथ मराठी और अंग्रेजी भाषा को शामिल करने का आदेश वापस ले लिया था। 

जिसका जश्न मनाने के लिए उन्होंने जुलाई में संयुक्त ‘विजय रैली’ भी आयोजित की थी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शप) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने बुधवार को कहा कि जब तक पार्टी कार्यकर्ताओं की सभी शंकाएं और आशंकाएं दूर नहीं हो जातीं तब तक उनकी पार्टी अजित पवार नीत राकांपा के साथ पुणे महानगर पालिका चुनाव में गठबंधन नहीं करेगी।

पुणे में पत्रकारों से बातचीत में सुले ने कहा कि वे राकांपा के संपर्क में हैं और अगर दोनों समूह हाथ मिलाने का फैसला करते हैं तो संभावित परिणामों पर भी विचार किया जाएगा। पुणे में 15 जनवरी को होने वाले महानगर पालिका चुनावों में अजित पवार की राकांपा के साथ संभावित गठबंधन को लेकर पार्टी के नगर इकाई अध्यक्ष प्रशांत जगताप के असंतोष के बारे में पूछे जाने पर सुले ने कहा कि उन्होंने (सुले) जगताप से विस्तार से बात की और उनकी आशंकाओं को समझा।

सुले ने कहा कि उन्होंने जगताप को आश्वासन दिया कि राकांपा के साथ गठबंधन होने पर किसी भी विचारधारा या पार्टी नीति से समझौता नहीं किया जाएगा। सुले ने कहा, ‘‘जगताप की चिंताएं जायज थीं। उनके सवाल बिल्कुल जायज हैं।’’ पिछले राजनीतिक घटनाओं का जिक्र करते हुए सुले ने याद दिलाया कि राकांपा (शप) प्रमुख शरद पवार को सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा उठाने के बाद कांग्रेस से बाहर कर दिया गया था, जिसके बाद राकांपा का गठन हुआ।

उन्होंने कहा, ‘‘बाद में सोनिया गांधी ने पवार साहब से मुलाकात की और उन्हें संप्रग सरकार में शामिल होने का प्रस्ताव दिया।’’ सुले ने कहा, ‘‘ राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। राकांपा के साथ गठबंधन करने पर किसी भी विचारधारा या पार्टी की नीति से समझौता नहीं किया जाएगा। मैंने ये सभी आश्वासन दे दिए हैं। बातों में कोई अस्पष्टता नहीं है।’’

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