लद्दाख में खूनी जंग: भारत के 20 से ज्यादा शहीद, 43 चीनी सैनिक भी हताहत
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 16, 2020 22:43 IST2020-06-16T22:43:31+5:302020-06-16T22:43:31+5:30
लद्दाख में चीन सीमा पर 53 सालों के उपरांत दोनों देशों की फौजों के बीच हुई खूनी झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल, एक सूबेदार समेत 20 से अधिक जवान शहीद हो गए हैं।

लद्दाख सीमा पर चीन व भारतीय सेना आमने-सामने (फाइल फोटो)
जम्मू: लद्दाख में चीन की सीमा पर गलवान वैली में हिन्दुस्तानी और चीन की लाल सेना के बीच हुई खूनी जंग में 70 के करीब सैनिकों के मारे जाने की खबर है। इनमें भारतीय सेना के 20 से अधिक फौजी भी शामिल हैं जिनमें एक कर्नल रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं जबकि चीन को दोगुना नुक्सान उठाना पड़ा है। फिलहाल सेना ने इसके प्रति कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
लद्दाख में चीन सीमा पर 53 सालों के उपरांत दोनों देशों की फौजों के बीच हुई खूनी झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल, एक सूबेदार समेत 20 से अधिक जवान शहीद हो गए हैं। करीब दर्जनभर जवान जख्मी भी हैं। रक्षा सूत्रों के बकौल, शहीदों की संख्या बढ़ भी सकती है।
यह घटना कल रात उस समय हुई जब भारतीय सेना के दावानुसार, गलवान वैली क्षेत्र से दोनों फौजों पीछे हटने की प्रक्रिया में जुटी हुई थीं। इस खूनी झड़प में चीनी सेना के 43 से अधिक कई जवान व अधिकारी भी हताहत हुए हैं जिसकी चीन की सरकार की ओर से पुष्टि आना बाकी है।
चीनी सैनिक गलवान वैली में अचानक हिंसा पर उतर आए-
ताजा घटना, अधिकारियों के अनुसार, कल दोपहर को आरंभ हुई थी जब चीनी सैनिक गलवान वैली में उस समय हिंसा पर उतर आए जब भारतीय सैनिकों ने उन्हें समझौतानुसार पीछे हटने को बोला था। आधिकारिक तौर पर दावा किया जा रहा है कि दोनों पक्षों में कोई गोली नहीं चली है बल्कि दोनों ने एक दूसरे पर पत्थरों, लोहे की छड़ों और डंडों से ही वार किए थे जिसमें भारतीय सेना की 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग आफिसर कर्नल संतोष बाबू समेत 20 से ज्यादा जवान शहीद हो गए। इस हमले में दर्जनभर भारतीय जवान जख्मी भी हुए हैं।
सूत्र कहते हैं कि भारतीय जवानों ने भी चीनी सैनिकों को उन्हीं की जुबान में पत्थरों और लोहे की छड़ों से जवाब दिया था जिसमें करीब चार दर्जन चीनी सैनिक मारे गए तथा इतनी ही संख्या में घायल भी हो गए। हालांकि चीनी सेना ने इसकी पुष्टि नहीं की है पर कुछ समाचार एजेंसियों के मुताबिक, चीन ने पांच सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की है।
जानकारी के लिए भारत-चीन के बीच सीमाओं को लेकर विवाद है। दोनों देशों के बीच लाइन आफ एक्चुयल कंट्रोल पर अधिकारिक बंटवारा नहीं हुआ है। लद्दाख में भारतीय सेना की ओर से निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसको लेकर चीन ने आपत्ति जताई है। चीन का दावा है कि भारत उसके इलाके में निर्माण कर रहा है।
And exposed to sub-zero temperatures in the high altitude terrain have succumbed to their injuries, taking the total that were killed in action to 20. Indian Army is firmly committed to protect the territorial integrity and sovereignty of the nation: Indian Army (2/2) https://t.co/5duc0Jlfwb
— ANI (@ANI) June 16, 2020
पैंगांग सो में हिंसक झड़प के बाद पांच मई से ही भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध चल रहा है। पैंगांग सो झील के पास फिंगर 4 व 5 इलाके में भारत द्वारा महत्वपूर्ण सड़क बनाने पर चीन ने कड़ा ऐतराज किया था। इसके अलावा गलवान घाटी में दरबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी रोड को जोड़ने वाली सड़क पर भी चीन ने आपत्ति जतायी थी।
इसके बाद से ही दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। छह जून को सैन्य स्तरीय वार्ता के दौरान भारत और चीन 2018 में वुहान शिखर बैठक में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच बनी सहमति के आधार पर फैसला करने पर सहमत हुए थे।
6 जून को दोनों देशों के सेना के अफसरों ने तनाव कम करने का लिया था फैसला-
छह जून को लेह की 14 वीं कोर के जनरल आफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और तिब्बती सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल लिउ लिन के बीच समग्र बैठक हुई थी और चीन अपने 10 हजार के करीब घुसपैठिए सैनिकों को पीदे हटाने पर मान गया था मगर वह अंत में धोखा दे गया। फिलहाल सूचनाएं कहती हैं कि चीन ने अपने सैनिक नहीं हटाए हैं।
Indian intercepts reveal that Chinese side suffered 43 casualties including dead and seriously injured in face-off in the Galwan valley: Sources confirm to ANI pic.twitter.com/xgUVYSpTzs
— ANI (@ANI) June 16, 2020
चीन सीमा पर इससे पहले चीनी सेना के साथ यूं तो 1975 में भी अरूणाचल प्रदेश में खूनी झड़प हुई थी जब चीनी सेना के एक हमले में चार भारतीय जवान शहीद हो गए थे पर 1962 के युद्ध के बाद सबसे भयानक खूनी झड़प नाथूला में 1967 में हुई थी जब 88 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे और भारतीय रणबांकुरों ने 340 चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था।
तब दोनों सेनाओं के बीच सिक्किम तिब्बत बार्डर पर नाथू ला और चो ला में हुए खूनी संघर्ष में दोनों ओर से एक हजार के लगभग जवान जख्मी भी हुए थे।