दिल्ली: मनोज तिवारी की अध्यक्ष पद से हो सकती है छुट्टी, जानें इस कदम के पीछे क्या है कारण?
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: April 19, 2018 09:17 AM2018-04-19T09:17:24+5:302018-04-19T10:30:49+5:30
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी के ऊपर पार्टी आलाकमान की गाज गिर सकती है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक मनोज तिवारी को जल्द ही उनके पद से हटाया जा सकता है।
नई दिल्ली, 19 अप्रैल : दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी के ऊपर पार्टी आलाकमान की गाज गिर सकती है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक मनोज तिवारी को जल्द ही उनके पद से हटाया जा सकता है। जनसत्ता की खबर के मुताबिक बीजेपी दिल्ली में जल्द पार्टी के अंदर बड़ा फेरबदल कर सकती है।
बीजेपी के आलाकमान दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी से खुश नहीं है। इसलिए उनको उनके पद से हटाने की कवायद तेज हो रही है। कहा जा रहा है दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष बनने के बाद से उन्होंने पार्टी के अंदर दोस्त से ज्यादा दुश्मन बनाए हैं। ऐसे में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह खुद मनोज तिवारी को पद से हटा सकते हैं और उनकी जगह ये जिम्मेदारी किसी और को सौंपी जाएगी।
ऐसे में पार्टी के दिग्गज नेताओं का कहना है कि तिवारी को जो जिम्मेदारी सौंपी गई थी, इस पर वह पूरी तरह से खरे नहीं उतर पाए हैं। मनोज तिवारी 2013 में बीजेपी में शामिल हुए थे। इसके बाद, पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ता गया था। हर किसी को पता मनोज तिवारी का सीनियर नेताओं के साथ अक्सर टकराव होते रहते हैं।
हाल ही में मनोज और बीजेपी के सीनियर नेता विजय गोयल के बीच की खबरें भी सामने आईं थीं। वहीं बीते साल एमसीडी के चुनाव जीत के बाद पार्षदों के लिए विजय गोयल ने एक पार्टी का कार्यक्रम किया था।इस कार्यक्रम में दिल्ली बीजेपी के नेताओं, सांसदों, विधायकों और पार्षदों को आमंत्रित गया था। लेकिन उस समय मनोज तिवारी ने पार्षदों को विजय गोयल के इस कार्यक्रम में आने से रोक दिया था। जिसके बाद बीजेपी के नेता ने कहा था केवल पार्टी ही पार्षदों को बुला सकती है।
पार्टी और पार्टी के ईकाई प्रमुख की सहमति के बिना मंत्री भी पार्षदों को नहीं बुला सकते हैं। जिसके बाद से कहा जा रहा है कि दिल्ली बीजेपी दो भागों में बंट गई है। हाल ही में दिल्ली में केजरीवाल सरकार के 3 साल पूरे होने के समय भी बीजेपी के अंदर के टकराव की जमकर खबरें आईं थीं। कहा जा रहा है फिलहाल बीजेपी दो भागों में बंट गई है जिसमें एक खेमा मनोज तिवारी है और दूसरा दिग्गज नेता विजेंद्र गुप्ता के साथ। ऐसे में देखना होगा कि मनोज तिवारी को वाकई में पार्टी से हटाया जाता है या फिर नहीं।