तीन तलाक विधेयक का विरोध करने वालों पर गरजीं स्मृति ईरानी, कहा- जिन लोगों ने कारवां लूटा, वो इंसाफ की दुहाई ना दें

By भाषा | Published: December 27, 2018 07:05 PM2018-12-27T19:05:31+5:302018-12-27T19:05:31+5:30

तीन तलाक विधेयक को मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ देने का विषय बताते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, अगर सती प्रथा के खिलाफ कानून बनाया जा सकता है, बाल विवाह और दहेज उत्पीड़न के खिलाफ कानून बनाया जा सकता है तो तीन तलाक के खिलाफ कानून क्यों नहीं बन सकता ।

BJP smriti irani comment on triple talaq bill in lok sabha | तीन तलाक विधेयक का विरोध करने वालों पर गरजीं स्मृति ईरानी, कहा- जिन लोगों ने कारवां लूटा, वो इंसाफ की दुहाई ना दें

तीन तलाक विधेयक का विरोध करने वालों पर गरजीं स्मृति ईरानी, कहा- जिन लोगों ने कारवां लूटा, वो इंसाफ की दुहाई ना दें

तीन तलाक विधेयक को मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ देने का विषय बताते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर सती प्रथा के खिलाफ कानून बनाया जा सकता है, बाल विवाह और दहेज उत्पीड़न के खिलाफ कानून बनाया जा सकता है तो तीन तलाक के खिलाफ कानून क्यों नहीं बन सकता ।

इस विधेयक का विरोध करने वालों के संबंध में स्मृति ने कहा कि जिन लोगों ने कारवां लूटा, आज वे ही लोग इंसाफ की दुहाई दे रहे हैं ।

लोकसभा में तीन तलाक संबंधित विधेयक पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यहां 1986 के कानून (शाहबानो प्रकरण पर उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद आया कानून) की दुहाई दी गई । यहां शब्दों के पीछे इंसाफ को छिपाने का प्रयास किया गया । जब महिलाएं प्रताड़ित की जा रही थी और इनके पास मौका था तो वे उनके पक्ष में क्यों खड़े नहीं हुए ।

उन्होंने कहा कि 1986 के कानून में इतनी ताकत होती तो सायरा बानो को उच्चतम न्यायालय पर दस्तक नहीं देना होता ।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी तीन तलाक के 477 मामले आए हैं

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अब तक तीन तलाक के 477 मामले आए हैं। । 477 तो बड़ी संख्या है। अगर एक भी महिलाएं प्रभावित होती, तो भी उसे न्याय दिलवाया जाना चाहिए ।

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का सवाल है कि मामले को अपराधिक क्यों बनाया गया । इस बारे में वह कहना चाहती हैं कि देश ने वह मंजर भी देखा है जब लोगों ने यह दलील दी थी कि जब दहेज लेने-देने वाले को परेशानी नहीं तब इस बारे में कानून की क्या जरूरत ? इसके बाद भी संसद ने कानून बनाया ।

स्मृति ईरानी ने कहा कि देश में सती प्रथा के खिलाफ कानून बनाया गया, बाल विवाह के खिलाफ कानून बनाया गया । ऐसे में तीन तलाक के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनना चाहिए ।

उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान की आवाम जानती है कि अगर कोई अनुबंध रद्द करना हो, तो उसे एकतरफा नहीं रद्द नहीं किया जा सकता । अनुबंध रद्द होता है, तब इसके प्रभाव होते हैं। इससे जुड़ी शर्ते होती हैं ।

उन्होंने कहा कि अगर इस्लामी न्याय शास्त्र का इतिहास देखा जाए तब दूसरे खलीफा के सामने जब तलाक का विषय आया था और तलाक की बात स्वीकार की गई तो गलती करने वाले पक्ष को दंड दिया गया था ।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने की पहल की है। यह राजनीतिक मंशा से नहीं बल्कि इंसाफ के मकसद से लाया गया है। इंसाफ में देरी हुई है, उच्चतम न्यायालय ने इंसाफ किया है और अब संसद की बारी है 

Web Title: BJP smriti irani comment on triple talaq bill in lok sabha

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