अनंतनाग में लश्कर के आतंकवादियों ने भाजपा सरपंच और पत्नी की गोली मारकर हत्या की
By भाषा | Published: August 9, 2021 09:16 PM2021-08-09T21:16:57+5:302021-08-09T21:16:57+5:30
श्रीनगर, नौ अगस्त जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े एक सरपंच के घर में सोमवार को घुस आए और सरपंच एवं उसकी पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी। घाटी में इस साल भगवा दल के चार नेता आतंकवादी हमले में मारे गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना लाल चौक इलाके में शाम चार बजे हुई। दो आतंकवादी यहां सरपंच गुलाम रसूल डार के किराए के मकान में घुस आए और उन्होंने उन पर तथा उनकी पत्नी पर गोलियां बरसा दीं। उन्होंने बताया कि सरपंच और उनकी पत्नी को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
घटना के तुरंत बाद, पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) (कश्मीर रेंज) विजय कुमार स्थिति का प्रत्यक्ष आकलन करने के लिए मौके पर पहुंचे।
आईजीपी ने कहा, ‘‘इस बर्बर आतंकवादी घटना के पीछे प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के दो मोटरसाइकिल सवार आतंकवादी शामिल थे।’’
पुलिस ने बताया कि दंपती को स्नो कैप होटल, कुलगाम में एक सुरक्षित आवास प्रदान किया गया था और दोनों थोड़े समय के लिए वहां रुके भी थे, लेकिन वे अनंतनाग टाउन में अपने घर जाने का लगातार अनुरोध कर रहे थे।
पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘उनके अनुरोध पर उन्हें अनंतनाग स्थित घर में रहने की अनुमति दे दी गई। उन्हें एक पीएसओ (सुरक्षा सेवा अधिकारी) भी मुहैया कराया गया था, जो घटना के समय ड्यूटी से अनुपस्थित पाया गया । उक्त पीएसओ को निलंबित कर दिया गया है।’’
पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और इस आतंकवादी घटना संबंधी पूरी जानकारी हासिल करने के लिए जांच की जा रही है।
कुलगाम के रेडवानी के निवासी डार भाजपा से संबद्ध सरपंच थे। उन्होंने पिछले साल जिला विकास परिषद् का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे । वह कुलगाम में भाजपा के किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष भी थे और अनंतनाग में किराए के मकान में रह रहे थे। डार चौथे ऐसे भाजपा नेता हैं, जो इस साल आतंकवादियों के हमले में मारे गए हैं।
बारामूला जिले के सोपोर इलाके में इस साल मार्च में नगर परिषद पर हुए हमले में भाजपा के दो पार्षदों की मौत हो गई थी, जबकि इसी साल दो जून को पुलवामा जिले के त्राल से भाजपा पार्षद राकेश पंडिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।आतंकवादियों ने इस वर्ष नागरिकों, पुलिसकर्मियों और सेना के जवानों को भी निशाना बनाया हैं। इसी प्रकार के हमलों में नौ आम नागरिक, छह पुलिस कर्मी और सेना के एक जवान को अपनी जान गंवानी पड़ी।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।