राज्यसभा से नामित होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय मंत्रिमंडल में मिलेगी जगह, उनके लिए वाणिज्य मंत्रालय की तलाश!

By संतोष ठाकुर | Updated: March 12, 2020 08:39 IST2020-03-12T08:35:33+5:302020-03-12T08:39:30+5:30

ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के शासन में दूरसंचार और वाणिज्य के साथ ही ऊर्जा मंत्रालय का कार्यभार देख चुके हैं. उनकी खासियत यह है कि वह न केवल वाणिज्यिक क्षेत्र के जानकार हैं बल्कि स्वयं भी व्यक्तिगत ऊर्जा से भरपूर हैं.

BJP rajya sabha candidate: Seeking commercial ministry for Jyotiraditya Scindia! | राज्यसभा से नामित होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय मंत्रिमंडल में मिलेगी जगह, उनके लिए वाणिज्य मंत्रालय की तलाश!

ज्योतिरादित्य सिंधिया (फाइल फोटो)

Highlights ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद कैबिनेट में विस्तार की अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया है. माना जा रहा है कि राज्यसभा से नामित होने वाले सिंधिया को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी.

कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद कैबिनेट में विस्तार की अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया है. यह माना जा रहा है कि राज्यसभा से नामित होने वाले सिंधिया को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी. सिंधिया का अनुभव वाणिज्यिक क्षेत्र का रहा है, ऐसे में यह भी तय माना जा रहा है कि उन्हें किसी ऐसे मंत्रालय की कमान दी जा सकती है, जहां उनकी योग्यता का सर्वाधिक लाभ हासिल हो पाए. जिन मंत्रालयों को उनके लिए उचित माना जा रहा है उनमें वाणिज्य, रेलवे, भारी उद्योग, दूरसंचार, ऊर्जा मंत्रालय शामिल है.

सूत्रों के मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधियाकांग्रेस के शासन में दूरसंचार और वाणिज्य के साथ ही ऊर्जा मंत्रालय का कार्यभार देख चुके हैं. उनकी खासियत यह है कि वह न केवल वाणिज्यिक क्षेत्र के जानकार हैं बल्कि स्वयं भी व्यक्तिगत ऊर्जा से भरपूर हैं. वह दिन-रात काम कर सकते हैं. ऐसे में सरकार उन्हें किसी ऐसे आर्थिक मंत्रालय में लाने का प्रयास करेगी जहां पर उनके अनुभव और संपर्क का बेहतर उपयोग किया जा सके. इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कई मंत्री हैं जिनके पास एक से अधिक मंत्रालय का प्रभार है.

सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के पास एक से अधिक मंत्रालय हैं और उनके पास भारी उद्योग मंत्रालय का भी अतिरिक्त प्रभार है. शिवसेना के एनडीए से बाहर जाने के बाद उन्हें इस मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. इस समय जब आर्थिक मोर्चे पर देश ही नहीं, दुनिया की हालत खराब है और वाहन उद्योग भी सुस्ती में है तो ऐसे में यहां पर किसी पूर्णकालिक मंत्री की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है.

इसी तरह से कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के पास भी दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी भी हैं. दूरसंचार मंत्रालय इस समय काफी चुनौतीपूर्ण स्थिति में है. वोडाफोन-आइडिया जैसी कंपनी एजीआर राशि की वजह से अपनी तालाबंदी तक की शंका जाहिर कर चुकी है. पूर्व में सिंधिया दूरसंचार मंत्रालय का प्रभार देख चुके हैं. उनके कार्यकाल में डाक विभाग के कायाकल्प के लिए ऐरो योजना शुरू की गई थी. जिसके सकारात्मक नतीजे भी सामने आए थे. सिंधिया पेशे से इंवेस्टमेंट बैंकर रह चुके हैं. ऐसे में इस मंत्रालय को भी उनके लिए उचित माना जा रहा है.

हालांकि वह ऊर्जा और वाणिज्य मंत्रालय भी देख चुके हैं. लेकिन वाणिज्य मंत्रालय को लेकर उनकी नियुक्ति में जानकार एक पेंच यह मानते हैं कि अमेरिका के साथ ट्रेड डील की प्रारंभिक बातचीत पीयूष गोयल कर चुके हैं. वह दिन-रात काम करने वाले ऊर्जावान मंत्री ही नहीं हैं बल्किवह प्रधानमंत्री के विश्वासपात्र भी हैं. कई अहम मसलों पर वाणिज्य मंत्रालय विभिन्न संगठनों के साथ वार्ता कर रहा है और ऐसे में यहां पर बदलाव का सरकार की कार्यशैली और निष्पादन नीति पर व्यापक असर हो सकता है. ऐसे में यहां पर शायद ही कोई बदलाव हो.

ऊर्जा मंत्रालय में भी इस समय बहुत कुछ नया करने के लिए नहीं है. हालांकि सिंधिया के कार्यकाल में ऊर्जा क्षेत्र में काफी अहम कार्य हुए थे. ऐसे में उन्हें यहां के लिए उपयुक्त माना जा रहा है. लेकिन यह मंत्रालय फिलहाल तक स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री के पास रहा है. हालांकि बीच में यहां पर मंत्री का पद कैबिनेट स्तर का भी किया गया था. रेल मंत्रालय पर सिंधिया का पलड़ा भारी यह माना जा रहा है कि सिंधिया अब सीधे बड़े कैबिनेट मंत्री के तौर पर आएंगे. ऐसे में एक अन्य मंत्रालय जो उनके लिए उपयुक्त माना जा रहा है वह है रेलवे.

यह कहा जा रहा है कि यह उनके लिए सबसे अहम मंत्रालय हो सकता है. इसकी वजह यह है कि इस समय 20 साल से अधिक समय के बाद बुलेट ट्रेन के रूप में रेलवे नई तकनीक अपना रहा है. जबकि इससे पहले शताब्दी और राजधानी ट्रेन के रूप में द्रुत गति तकनीक ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता पूर्व रेल मंत्री माधवराव सिंधिया ही लेकर आए थे. ऐसे में तकनीक बदलाव के साथ उनके परिवार का नाम फिर से जुड़ सकता है. लेकिन इन सभी कयास के बाद अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही करना है कि वह सिंधिया के अनुभव और ऊर्जा के लिहाज से किस मंत्रालय को उपयुक्त मानते हैं. 

Web Title: BJP rajya sabha candidate: Seeking commercial ministry for Jyotiraditya Scindia!

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