नई दिल्लीः बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 16-17 जनवरी को, विधानसभा चुनाव सहित कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद
By सतीश कुमार सिंह | Published: January 3, 2023 02:39 PM2023-01-03T14:39:57+5:302023-01-03T16:05:28+5:30
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक यहां 16-17 जनवरी को होगी और इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के कार्यकाल में विस्तार को मंजूरी दी जा सकती है।
नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 16-17 जनवरी को नई दिल्ली में होगी। 2023 विधानसभा चुनाव और 2024 लोकसभा चुनाव पर चर्चा होने की उम्मीद है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल पर मुहर लग सकती है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक यहां 16-17 जनवरी को होगी और इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के कार्यकाल में विस्तार को मंजूरी दी जा सकती है। पार्टी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रमुख संगठनात्मक निकाय की बैठक में विभिन्न राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति पर विचार किया जाएगा।
इसके साथ ही अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों का भी जायजा लिया जाएगा। पार्टी प्रमुख के रूप में नड्डा का तीन साल का कार्यकाल इस महीने के अंत में पूरा हो रहा है और इस बात की पूरी संभावना है कि आगामी चुनावों को देखते हुए उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2024 के लोकसभा चुनावों में जीत के लिहाज से ‘‘कठिन’’ मानी जाने वाली लोकसभा सीट की संख्या 144 से बढ़ाकर 160 कर दी है। इसमें निर्वाचन क्षेत्रों का एक बड़ा हिस्सा बिहार से संबंधित है, क्योंकि जनता दल (यूनाइटेड) के साथ गठबंधन टूटने के बाद अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों में वह अपने बूते चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
BJP national executive to be held in New Delhi on Jan 16-17: Party sources
— Press Trust of India (@PTI_News) January 3, 2023
पार्टी अपने संगठनात्मक तंत्र का विस्तार करने और इन 160 सीट पर अपने मतदाताओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए काम कर रही है। इसने इस कवायद में बड़ी संख्या में केंद्रीय मंत्रियों को शामिल करने का मसौदा भी तैयार किया है।
पार्टी के शीर्ष नेता नियमित रूप से इन सीट पर पार्टी की गतिविधियों की समीक्षा भी करते हैं। भाजपा ने 2019 के चुनावों में मुश्किल सीट की इसी तरह की सूची तैयार की थी और बड़ी संख्या में उनमें से जीत हासिल की थी। उसने 2019 में 543-सदस्यीय लोकसभा में 303 सीट जीती थीं जबकि 2014 में उसे 282 सीट पर जीत मिली थी।
कई राज्यों में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का ‘सेमी-फाइनल’ माना जा रहा है। पूर्वोत्तर के राज्यों के अलावा कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में भी इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। पूर्वोत्तर राज्यों-नगालैंड, त्रिपुरा और मेघालय में सबसे पहले विधानसभा चुनाव होंगे।
संभावना है कि इन राज्यों में फरवरी-मार्च में चुनाव होंगे। इनकी विधानसभाओं का कार्यकाल मार्च में अलग-अलग तारीखों को खत्म हो रहा है। त्रिपुरा में जहां भाजपा की सरकार है, वहीं नगालैंड में ‘नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव’ पार्टी सत्ता में है। नेशनल पीपुल्स पार्टी की मेघालय में सरकार है, जो पूर्वोत्तर की एकमात्र पार्टी है जिसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है।
निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने दिसंबर में संकेत दिया था कि तीन राज्यों में चुनाव एक साथ होंगे और उसके बाद कर्नाटक में चुनाव होगा। कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 24 मई को समाप्त हो रहा है। भाजपा शासित इस राज्य में चुनाव अप्रैल के अंत या मई की शुरुआत में हो सकता है।
वहीं, मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना की विधानसभाओं के कार्यकाल इस साल दिसंबर और जनवरी 2024 में अलग-अलग तारीखों पर समाप्त होंगे। मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 17 दिसंबर को समाप्त हो रहा है जबकि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमशः तीन जनवरी और छह जनवरी, 2024 को समाप्त हो रहा है।
इसी तरह, राजस्थान और तेलंगाना विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमशः 14 जनवरी और 16 जनवरी, 2024 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में इन पांच राज्यों में एक साथ चुनाव होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। नौ राज्यों के विधानसभा चुनावों के अलावा, केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव इस साल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
नौ दिसंबर को सूत्रों ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में ठंड का असर कम होने के बाद 2023 की गर्मियों में विधानसभा चुनाव कराया जा सकता है। अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के रद्द किए जाने के बाद जम्मू एवं कश्मीर की अंतिम मतदाता सूची पिछले साल 25 नवंबर को जारी होने के साथ चुनाव का रास्ता साफ हो गया था।
(इनपुट एजेंसी)