नई दिल्ली: बिहार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता विनोद शर्मा ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने मणिपुर की स्थिति को लेकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। भगवा पार्टी के नेता ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र भेजा है। पार्टी प्रवक्ता मीडिया पैनलिस्ट विनोद शर्मा ने कहा, "मैंने भारी मन से बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। मणिपुर की स्थिति ने भारत को बदनाम किया है।"
शर्मा ने अपने पत्र में लिखा, "80 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मैं राष्ट्र प्रेम, बेटी बचाओ और भारतीय 'सनातन' संस्कृति का दिखावा करने वाली भाजपा में काम करके खुद को कलंकित महसूस कर रहा हूं। अगर प्रधानमंत्री मोदी में थोड़ी भी मानवता होती तो वे मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को तुरंत बर्खास्त कर देते या खुद इस्तीफा दे देते। अत: आपसे अनुरोध है कि मेरा इस्तीफा तत्काल स्वीकार करें।"
कई विपक्षी दल हिंसा प्रभावित मणिपुर मुद्दे पर मोदी सरकार को घेर रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद देश भर में आक्रोश फैल गया, जिसमें 4 मई को मणिपुर के कांगपोकपी में पुरुषों के एक समूह को दो आदिवासी महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाते दिखाया गया। यह घटना अनुसूचित जनजाति सूची में आरक्षण की मांग को लेकर मेइतेई और कुकी के बीच पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा भड़कने के ठीक एक दिन बाद हुई।
कांग्रेस मौजूदा मानसून सत्र में संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग कर रही है। 20 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही विपक्षी दल पीएम मोदी से जवाब की मांग को लेकर सदन की कार्यवाही रोक रहे हैं। गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मणिपुर पर एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं क्योंकि वह जानते हैं कि यह उनकी विचारधारा है जिसने मणिपुर को जला दिया है।
एक वीडियो संदेश में गांधी ने कहा कि पीएम मोदी चुनिंदा लोगों के प्रधानमंत्री हैं। पूर्व सांसद ने पीएम मोदी को आरएसएस का प्रधानमंत्री बताया। गांधी ने कहा कि लोगों को आश्चर्य हो रहा होगा कि प्रधानमंत्री मणिपुर क्यों नहीं जा रहे हैं।