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Jyotiraditya Madhavrao Scindia sworn-in PM Modi Oath ceremony Live: चार साल पहले कांग्रेस छोड़ी, जानें कौन हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 9, 2024 21:06 IST

Jyotiraditya Madhavrao Scindia sworn-in PM Modi Oath ceremony Live: नेता, कुशल प्रशासक और मिलनसार जन प्रतिनिधि की रही है तथा पिछले काफी समय से ग्वालियर-चंबल संभाग की चुनावी राजनीति में उनका अच्छा दबदबा माना जाता है।

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ठळक मुद्देJyotiraditya Madhavrao Scindia sworn-in PM Modi Oath ceremony Live: लोकसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक नियुक्त किया था। Jyotiraditya Madhavrao Scindia sworn-in PM Modi Oath ceremony Live: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी मित्रों में शामिल माने जाते थे।Jyotiraditya Madhavrao Scindia sworn-in PM Modi Oath ceremony Live: 2007 में कांग्रेस नीत संप्रग-1 सरकार में संचार राज्य मंत्री बने।

Jyotiraditya Madhavrao Scindia sworn-in PM Modi Oath ceremony Live: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद में ज्योतिरादित्य सिंधिया का शामिल होना भाजपा में उनके बढ़ते कद को दर्शाता है। चार साल पहले कांग्रेस छोड़ने वाले सिंधिया ने रविवार को केंद्रीय मंत्री के तौर पर शपथ ली। ग्वालियर राजघराने से नाता रखने वाले ज्योतिरादित्य सिंघिया की राजनीतिक क्षेत्र में छवि नपा-तुला बोलने वाले नेता, कुशल प्रशासक और मिलनसार जन प्रतिनिधि की रही है तथा पिछले काफी समय से ग्वालियर-चंबल संभाग की चुनावी राजनीति में उनका अच्छा दबदबा माना जाता है।

सिंधिया ने 2024 आम चुनाव के चार जून को घोषित परिणामों में गुना संसदीय सीट पर कांग्रेस के यादवेंद्र राव देसराज सिंह को पांच लाख से अधिक मतों से हराया। राजमाता विजयाराजे सिंधिया, माधवराव सिंधिया और वसुंधरा राजे सिंधिया जैसी हस्तियों के शाही खानदान से आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को राजनीति का ककहरा सीखने के लिए कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ी।

उन्होंने अपने दिवंगत पिता माधव राव सिंधिया के निधन के बाद 2002 में गुना लोकसभा सीट जीतकर चुनावी राजनीति में दस्तक दी थी। उनके पिता की विमान दुर्घटना में मृत्यु के बाद यह उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी थी। उस वक्त ज्योतिरादित्य 31 साल के थे। सिधिंया 2007 में कांग्रेस नीत संप्रग-1 सरकार में संचार राज्य मंत्री बने।

साल 2009 में वह वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री बने और 2012 में उन्हें संप्रग-2 में ऊर्जा राज्यमंत्री नियुक्त किया गया। 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने उन्हें लोकसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक नियुक्त किया था। सिंधिया कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी मित्रों में शामिल माने जाते थे।

सिंधिया के लिए लोकसभा चुनाव 2019 काफी उलट-फेर वाला साबित हुआ क्योंकि वह गुना सीट पर अपने ही पूर्व सहयोगी डॉ के पी यादव (भाजपा) से हार गये। कभी कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे सिंधिया 10 मार्च 2020 को कांग्रेस छोड़ 11 मार्च 2020 को भाजपा में शामिल हुए थे।

उनके साथ ही 22 कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया था, जिससे मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिर गई थी और 23 मार्च 2020 को भाजपा के शिवराज सिंह चौहान चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

पाला बदलकर भाजपा में आने के बाद सिंधिया मध्य प्रदेश से राज्यसभा में निर्वाचित हुए और उन्हें केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार में नागर विमानन जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय दिया गया। एक जनवरी, 1971 को जन्मे सिंधिया ने अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड संस्थानों से शिक्षा ग्रहण की। ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्तमान में सिंधिया स्कूल के निदेशक मंडल के अध्यक्ष हैं। पिछले वर्ष अक्तूबर में इसी स्कूल की स्थापना के 125वें वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संबोधित किया था। 

टॅग्स :नरेन्द्र मोदी शपथ ग्रहण समारोहज्योतिरादित्य सिंधियाMadhya Pradesh
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