नई दिल्ली: स्वतंत्र भारत में आज ही के दिन 1975 में देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की गई थी। इस दिन को भारतीय जनता पार्टी (BJP) और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने काला अध्याय के तौर पर याद किया है। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लिखा, ''भारत उन सभी महानुभावों को नमन करता है, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का जमकर विरोध किया। ये हमारे सत्याग्रहियों का तप ही था, जिससे भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों ने एक अधिनायकवादी मानसिकता पर सफलतापूर्वक जीत प्राप्त की।''
जेपी नड्डा ने आपातकाल को काला अध्याय बताते हुए कहा, वर्ष 1975 में आज ही के दिन निहित राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए तत्कालीन सरकार द्वारा आपातकाल की घोषणा कर सरकार के खिलाफ बोलने को वालों को जेल में डाल दिया गया था। देशवासियों के मूलभूत अधिकारों को छीनकर कर अखबारों के दफ्तरों पर ताले लगाए गए थे।
जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, कांग्रेस द्वारा थोपे गए शर्मनाक आपातकाल की बरसी पर मैं उन सभी राष्ट्रभक्तों को नमन करता हूं, जिन्होंने घोर अन्याय और यातनाएं सहने के बावजूद लोकतंत्र की हत्या करने वालों के सामने घुटने नहीं टेके।
बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने लिखा, ''आज के दिन सिर्फ अपने राजनीतिक स्वार्थो की पूर्ति के लिए प्रजातंत्र का गला घोटा गया था, जनता के अधिकारों का हरण किया गया और जनता पर अत्याचार किये गए।स्वतंत्र भारत के सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल के लिए कांग्रेस को कभी मांफ नहीं किया जा सकता।''
26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक भारत में लागू था आपातकाल
इतिहास में 25 जून का दिन भारत के लिहाज से एक महत्वपूर्ण घटना का गवाह रहा है। आज ही के दिन 1975 में देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की गई जिसने कई ऐतिहासिक घटनाओं को जन्म दिया।
26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक की 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के अधीन देश में आपातकाल की घोषणा की थी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद काल था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए थे। अखबारों और रेडियो को बंद कर दिया गया था।