"भाजपा केरल में ईसाई समुदाय को लुभाने में लगी हुई है, लेकिन उसे कोई फायदा नहीं होगा", शशि थरूर ने भाजपा की संभावनाओं को शून्य बताते हुए कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 29, 2024 07:47 AM2024-02-29T07:47:38+5:302024-02-29T07:50:45+5:30

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने यह तर्क देते हुए कहा कि केरल में भाजपा का वोट शेयर अपने उच्च बिंदु तक पहुंच गया है और वो यहां पर कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाएगी।

"BJP is trying to woo the Christian community in Kerala, but it will get no benefit", Shashi Tharoor said, calling BJP's chances zero | "भाजपा केरल में ईसाई समुदाय को लुभाने में लगी हुई है, लेकिन उसे कोई फायदा नहीं होगा", शशि थरूर ने भाजपा की संभावनाओं को शून्य बताते हुए कहा

फाइल फोटो

Highlightsशशि थरूर ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा कि भाजपा में केरल में कुछ खास नहीं कर पाएगी थरूर ने कहा कि मुझे लगता है कि भाजपा के दो अंक हासिल करने का एकमात्र तरीका दो शून्य हैंभाजपा केरल के इतिहास को नहीं समझती, सांप्रदायिकता यहां कुछ खास नहीं कर सकती है

तिरुवनंतपुरम:कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने यह तर्क देते हुए कहा कि केरल में भाजपा का वोट शेयर अपने उच्च बिंदु तक पहुंच गया है और वो यहां पर कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाएगी। शशि थरूर ने बीते बुधवार को समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "मुझे लगता है कि भाजपा के दो अंक हासिल करने का एकमात्र तरीका दो शून्य हैं। भाजपा के साथ मुद्दा यह है कि वे केरल के इतिहास और संस्कृति को नहीं समझते हैं। सांप्रदायिकता यहां एक छोटी सीमा से आगे नहीं जा सकती है।"

उन्होंने कहा, "इसमे कोई शक नहीं और मैं 6 फीसदी वाली पार्टी को 12-13 फीसदी वाली पार्टी तक ले जाने का श्रेय नरेंद्र मोदी को देता हूं, लेकिन बस इतना ही। यह सीमा अब पार हो चुकी है। हम जानते हैं कि उन्होंने ईसाई समुदाय तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन मणिपुर की भयावहता के बाद यह काम नहीं करेगा।"

थरूर ने कहा कि भाजपा केरल में ईसाई समुदाय को लुभाने में लगी हुई है, स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में और अपनी यात्रा के दौरान केरल में राज्य के कई ईसाई धार्मिक नेताओं से कई बार मिल चुके हैं।

राज्य के मध्य त्रावणकोर क्षेत्र में ईसाई समुदाय की महत्वपूर्ण उपस्थिति है और कहा जाता है कि उनका वोट वहां के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में जीत के लिए महत्वपूर्ण है।

तिरुवनंतपुरम लोकसभा क्षेत्र में अपनी उम्मीदवारी के बारे में बात करते हुए थरूर ने कहा, "कांग्रेस पार्टी ने अभी तक किसी भी उम्मीदवारी की घोषणा नहीं की है और न ही उसने हममें से किसी को बताया है कि हम चुनाव नहीं लड़ेंगे। मैं जो कुछ भी कर रहा हूं वह एक मौजूदा सांसद के रूप में काम कर रहा हूं। मैं मेरे निर्वाचन क्षेत्र के प्रति मेरी जिम्मेदारियां हैं, जो मैं अभी निभा रहा हूं।”

हाल ही में संपन्न राज्यसभा में कांग्रेस के कुछ विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग के बाद हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर आए संकट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए थरूर ने कहा कि वहां का राजनीतिक घटनाक्रम "निराशाजनक" है।

उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में यह वास्तव में निराशाजनक घटना है कि एक साल से भी कम समय पहले 40-25 स्पष्ट बहुमत के साथ चुनी गई सरकार को अलोकतांत्रिक तरीके से इस तरह से खत्म किया जा सकता है। हम जानते हैं कि भाजपा के पास बहुत पैसा और बाहुबल है और वो इसका दुरुपयोग कर रही है।''

हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस इकाई के भीतर चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बारे में पूछे जाने पर थरूर ने कहा, "मैं अधिक जानकारी की प्रतीक्षा कर रहा हूं। मैंने खबरों की सुर्खियों में जो पढ़ा है, उससे आगे मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। मुझे लगता है कि यह लोगों के जनादेश के साथ विश्वासघात है। हर बार भाजपा ऐसा कुछ करती है। अतीत में भी भाजपा ने 4-5 राज्यों में ऐसा किया था। यह लोकतंत्र पर एक वास्तविक हमला है।"

मालूम हो कि तीन राज्यों की 15 राज्यसभा सीटों के लिए संपन्न हुए चुनाव में जमकर क्रॉस-वोटिंग हुई, जिसमें भाजपा ने 10 सीटें, कांग्रेस ने तीन और समाजवादी पार्टी ने दो सीटें जीतीं। इस चुनाव में मुख्य रूप से भाजपा को लाभ हुआ और उसने उत्तर प्रदेश में एक अतिरिक्त सीट जीती और इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में वोटों की गणित के इतर एक सीट पर जीत हासिल की।

इस चुनाव में सबसे बड़ा आश्चर्य हिमाचल प्रदेश से हुआ, जहां कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी हार गए क्योंकि सत्तारूढ़ कांग्रेस के छह विधायकों ने चुनाव में क्रॉस वोटिंग की। भाजपा के हर्षवर्धन विजयी हुए, जिसके परिणामस्वरूप एक वर्ष से अधिक पुरानी कांग्रेस सरकार ढहने के कगार पर पहुंच गई है। भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा में बहुमत खो दिया है, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ताकत का परीक्षण विधानसभा के पटल पर किया जा सकता है।

हिमाचल के अलावा भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में आठ सीटें जीतीं और प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी, जिसने तीन उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उसे केवल दो सीटों पर जीत मिली।

कर्नाटक में नतीजे उम्मीद के अनुरूप रहे और राज्य में सत्ता पर काबिज कांग्रेस ने तीन सीटें और भाजपा ने एक सीट जीती। कांग्रेस उम्मीदवारों को विधानसभा में पार्टी की संख्या से ज्यादा वोट मिले। इसके कारण बीजेपी-जेडीएस उम्मीदवार कुपेंद्र रेड्डी चुनाव हार गए और बीजेपी विधायक एसटी सोमशेखर ने कांग्रेस के पक्ष में वोट किया।

Web Title: "BJP is trying to woo the Christian community in Kerala, but it will get no benefit", Shashi Tharoor said, calling BJP's chances zero

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