2019 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का बड़ा कदम, महाराष्ट्र में अकेले मैदान में कूदने की है तैयारी
By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: July 23, 2018 15:47 IST2018-07-23T12:32:07+5:302018-07-23T15:47:57+5:30
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहा है कि 2019 में लोकसभा का चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी करें।

2019 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का बड़ा कदम, महाराष्ट्र में अकेले मैदान में कूदने की है तैयारी
मुबई, 23 जुलाईः 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राजनीति पूरी तरह से गरमा चुकी है। एक तरफ जहां कांग्रेस 2019 में भारतीय जनता पार्टी को पस्त करने के लिए तमाम दलों के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। वहीं, बीजेपी भी जीत हासिल करने का दम भरती नजर आ रही है।
साथ ही दिनों दिन शिवसेना और बीजेपी के बीच की दूरियां बढ़ती ही जा रही हैं। दोनों पार्टियों के बीच पिछले कुछ महीनों से तल्खी चल ही रही थी, लेकिन रही सही कसर अविश्वास प्रस्ताव के दौरान शिवसेना के बर्ताव ने पूरी कर दी। वहीं, इन दिनों सुर्खियों में है कि 2019 में महाराष्ट्र चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी कमर कस ली है।
कहा जा रहा है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहा है कि 2019 में लोकसभा का चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी करें। इससे साफ हो रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी अपने दमपर अकेले महाराष्ट्र में चुनाव लड़कर जीत हासिल करने की कोशिश करेगी। वहीं, खबरों की मानें तो अगर बीजेपी ऐसा करती है तो इसका लाभ पार्टी को मिल सकता है।
अपने एक दिन के दौरे पर महाराष्ट्र में गए अमित शाह ने इस बात को कार्यकर्ताओं से कहा है। अब कहा जा रहा है कि जल्द ही बीजेपी सभी 48 सीटों के लिए प्रभारियों का ऐलान करेगी। जबकि शिवसेना पहले ही कह चुकी है कि वह अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने 48 लोकसभा सीटों और 288 विधानसभा सीटों पर अकेले लड़ने के लिए संगठन को मजबूत करने का आदेश दिया है।
जैसा की सभी को पता है लोकसभा चुनावों की दृष्टि से उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र ही सबसे ज्यादा सीटों वाला राज्य है, इसलिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह महाराष्ट्र पर पूरा फोकस कर रहे हैं। 2014 में बीजेपी और शिवसेना साथ मिलकर लड़े थे, तब बीजेपी को 22 और शिवसेना को 18 सीटें मिली थीं। इस तरह राज्य की कुल 48 में से 40 सीटों पर भगवा पार्टियों का कब्जा हो गया था। इस बार अगर समीकरण बिगड़ा, तो दोनों की सीटों का आंकड़ा घटने का खतरा हो सकता है और इसका सीधा फायदा कांग्रेस और एनसीपी को मिल सकता है।
इतना ही नहीं महाराष्ट्र में भी बीजेपी को पस्त करने के लिए यह संभावना बन रही है कि भले शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी एक-दूसरे के साथ खुल्लम-खुल्ला गठबंधन न करें, लेकिन रणनीतिक साझेदारी तो कर ही सकती हैं। शिवसेना महाराष्ट्र और केंद्र में बीजेपी के साथ है, लेकिन बीते लंबे समय से शिवसेना कई मौकों पर बीजेपी और पीएम मोदी की आलोचना करती रही है। हाल ही में शिवसेना ने बीजेपी के संपर्क फॉर समर्थन और अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भी जमकर आलोचना की है। ऐसे में देखना होगा कि बीजेपी का शिवसेना के बिना चुनाव लड़ने का फैसला सही साबित होता है या फिर गलत।