BJP ने जारी की राज्यसभा उम्मीदवारों की लिस्ट, इन चेहरों पर खेला दांव
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: March 12, 2018 09:26 AM2018-03-12T09:26:22+5:302018-03-12T09:26:22+5:30
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने राज्यसभा उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। बीजेपी की चुनाव समिति ने 18 नामों को जारी किया है।
नई दिल्ली(12 मार्च): भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने राज्यसभा उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। बीजेपी की चुनाव समिति ने 18 नामों को जारी किया है। इसमें उत्तर प्रदेश से जीवीएल नरसिम्हा राव और अशोक वाजपेयी समेत सात लोगों को मौका दिया गया है। वहीं, राजस्थान से किरोड़ी लाल मीणा का नाम तय किया गया है। उम्मीदवार सदस्यों में आंध्र प्रदेश के जीवीएल नरसिम्हा राव को अगर हटा दिया जाए तो बाकी के प्रत्याशियों में दो पिछड़ा, दो ब्राह्मण, एक ठाकुर, एक जाटव और एक वैश्य को शामिल किया गया है। इस लिस्ट से साफ जाहिर होता है कि इस बार बीजेपी ने सामाजिक समीकरणों को साधने की कोशिश भी की है। ऐसे में आइए जानते हैं उन खास चेहरों के बारे में जिन पर बीजेपी ने इस बार दांव खेला है।
अरुण जेटली
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी बीजेपी ने राज्यसभा का उम्मीदवार मनोनीत किया है। अरुण जेटली सु्प्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी व दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। आपातकाल के समय उन्होंने जमकर हिस्सा लिया था जिस कारण से वह जेल भी गए थे। जेटली इससे पहले राज्यसभा में नेता विपक्ष भी रह चुके हैं। वहीं, 2014 में जब बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था। उस समय अमृतसर से चुनाव लड़ने वाले अरुण जेटली को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। फिलहाल वह देश के वित्तमंत्री के पद पर हैं।
जीवीएल नरसिम्हा राव
जीवीएल नरसिम्हा राव को राज्यसभा भेजना हर किसी के लिए चौंकाने वाला रहा है। वैसे नरसिम्हा राव बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। वह आंध्र प्रदेश से आते हैं और वह आज के समय में जाने-माने चुनाव विश्लेषक माने जाते हैं। उन्होंने ही सबसे पहले वर्ष 2011 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी की थी। नरसिम्हा ने कई किताबें भी लिखी हैं। ऐसे में इस बार देखना होगा कि वह राज्यसभा में क्या कमाल करते हैं।
डॉ. अशोक वाजपेयी
समाजवादी चेहरा रहे डॉ. अशोक वाजपेयी को बीजेपी ने इस बार मैदान में उतापा है। वह यूपी के ब्राह्मण का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान ही उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था। ऐसे में बीजेपी ने राज्यसभा टिकट वाजेपेयी को देकर बाह्मण वोट हासिल करने की कोशिश भी की है। अशोक वाजपेयी मुलायम सिंह के काफी करीबी नेता मानें जाते रहे हैं। यह आपातकाल के समय जेल भी गए थे। वहीं, वाजपेयी सपा की राजनीति में नरेश अग्रवाल के धुर विरोधी माने जाते हैं।
Congress has approved the following names to contest the Rajya Sabha elections pic.twitter.com/2hnbCnhm3b
— ANI (@ANI) March 11, 2018
डॉ. अनिल जैन
फिरोजाबाद के रहने वाले डॉ. अनिल जैन ऐसे तो बीजेपी के काफी पुराने कार्यकर्ता हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे जैन ने बीजेपी के अंदर कई अहम पदों को संभाला है। आज के समय में वह राष्ट्रीय महासचिव तथा छत्तीसगढ़ और हरियाणा के प्रभारी हैं। साथ ही अनिल जैन ऑल इंडिया टेनिस एसोसिएशन के भी पदाधिकारी हैं। वे भारत स्काउट गाइड सहित कई संस्थाओं के पदाधिकारी भी रहे हैं। ऐसे में बीजेपी का ये दांव जनता के हित का भी माना जा सकता है।
विजय पाल तोमर
किसानों की आवाज उठाने वाले विजय पाल को भी बीजेपी ने इस बार राज्यसभा के लिए मनोनित किया है। मेरठ की राजनीति का बड़ा चेहरा मानें जाने वाले विजय पाल तोमर जनता दल से एक बार सरधना क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। फिलहाल वह बीजेपी में शामिल हैं। बीजेपी ने उन्हें किसानों के बीच काम करने के कारण किसान मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया और फिर बाद में मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया। सपा के शासनकाल में भाजपा ने तोमर की अगुवाई में गन्ना किसानों की समस्याओं के समाधान को लेकर संघर्ष किया था।
हरनाथ सिंह यादव
यूपी के एटा के संघ के प्रचारक रहे हरनाथ सिंह यादव बीजेपी में विभाग संगठन मंत्री और प्रदेश महामंत्री पद पर आशक्त रहे हैं। 1990 में विधान परिषद के स्नातक कोटे से सदस्य के लिए भाजपा से चुनाव लड़े लेकिन हार गए। जिसके बाद निर्दलीय रूप से 1996 में चुनाव जीता और बाद में सपा का दामन थामा। लेकिन वर्ष 2002 में वे सपा के टिकट पर स्नातक कोटे की सीट का चुनाव लड़े और जीते। कुछ वर्षों पहले उनकी सपा से भी नहीं पटी और उन्होंने सपा छोड़ दी, बाद में एक बार फिर से उन्होंने बीजेपी में घर वापसी की।