बीजेपी महासचिव मुरलीधर राव पर एफआईआर दर्ज, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन के फर्जी दस्तखत का आरोप

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 29, 2019 05:31 PM2019-03-29T17:31:14+5:302019-03-29T17:31:14+5:30

शिकायकर्ता तला रेड्डी के पति को वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले एक तथाकथित विभाग फार्मा एक्सिल में अध्यक्ष पद पर नियुक्त करने का झांसा देकर पैसे लिए गए थे। तला रेड्डी और उनके पति महिपाल रेड्डी की पहचान सबसे पहले ईश्वर रेड्डी से हुई।

BJP General Secretary Booked for 'Forging' Nirmala Sitharaman's Signature | बीजेपी महासचिव मुरलीधर राव पर एफआईआर दर्ज, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन के फर्जी दस्तखत का आरोप

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि जब वह अपने पैसे वापस मांगने लगे तो उनको पी मुरलीधर राव द्वारा धमकाया गया। फाइल फोटो

लोकसभा चुनावों की सरगर्मी के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव पी मुरलीधर राव का नाम विवादों में घिर आया है। राव सहित अन्य आठ लोगों के खिलाफ तत्कालीन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारामन (वर्तमान में रक्षामंत्री) के फर्जी दस्तख़त कर एक महिला और उनके पति से 2.17 करोड़ रुपए उगाही करने का आरोप है। इस मामले में तेलंगाना के राचाकोंडा शहर के सरूरनगर पुलिस थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। 

शिकायकर्ता तला रेड्डी के पति को वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले एक तथाकथित विभाग फार्मा एक्सिल में अध्यक्ष पद पर नियुक्त करने का झांसा देकर पैसे लिए गए थे। तला रेड्डी और उनके पति महिपाल रेड्डी की पहचान सबसे पहले ईश्वर रेड्डी से हुई। ईश्वर रेड्डी खुद को पत्रकार बताता था और बीजेपी के बड़े नेताओं का करीबी था।

तला रेड्डी के अनुसार नवम्बर 2015 में ईश्वर रेड्डी शिकायकर्ता और उनके पति से मिला और उन्हें बताया कि वो ए कृष्णा किशोर नामक व्यक्ति को जानते हैं जो केंद्र में किसी भी विभाग के नामित पदों पर उनका नाम मनोनीत करवा सकते हैं। लेकिन शिकायतकर्ता और उनके पति इतने पैसे देकर किसी भी पद पर मनोनीत नहीं होना चाहते थे। 

कुछ समय बाद ईश्वर रेड्डी, ए कृष्णा किशोर और मंडा रामचंद्र रेड्डी दोबारा रेड्डी दम्पति से मिले और उन पर ज़ोर डाला कि पैसे देकर पद लेने की उनकी पेशकश को वो मान लें। दम्पति को भरोसा दिलाने के लिए मंडा रामचंद्र रेड्डी की नियुक्ति का एक पत्र भी दिखाया जिस पर भारत सरकार के उप सचिव के दस्तख़त थे।

शिकायतकर्ता का आरोप है कि ए कृष्णा किशोर, ईश्वर रेड्डी, मंडा रामचंद्र रेड्डी, समा चंद्रशेखर रेड्डी, बाबा, श्रीकांत ने पी मुरलीधर राव की सहायता के ज़रिये उन्हें झांसा दिया और तत्कालीन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारामन के तथाकथित दस्तखत वाला एक पत्र दिखाया जिसके तहत महिपाल रेड्डी को फार्मा एक्सिल के अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया जाने वाला था। इस पत्र को दिखाने के बाद पद पर मनोनीत करने के एवज में आरोपियों ने रेड्डी दम्पति से 2.17 करोड़ रूपये ले लिए और उसके बाद अपना वादा नहीं निभाया।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि जब वह अपने पैसे वापस मांगने लगे तो उनको पी मुरलीधर राव द्वारा धमकाया गया। बाद में ए कृष्णा राव, ईश्वर रेड्डी और पी मुरलीधर राव ने स्थानीय बीजेपी नेता गजुला हनुमंथा राव को उनके पास भेजा, जिसने उन्हें पैसे वापस दिलवाने का आश्वासन दिया। 

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच का कहना है कि अभी तक की गयी जांच के हिसाब से लगता है कि पी मुरलीधर राव का इस मामले से कोई सीधा संबंध नहीं है और उनके नाम का इस्तेमाल किया गया है। जांच चल रही है और जल्द ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।

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