ममता को उनके गढ़ में चुनौती देने के लिये भाजपा ने “निडर” टिबरीवाल को मैदान में उतारा

By भाषा | Updated: September 10, 2021 17:36 IST2021-09-10T17:36:08+5:302021-09-10T17:36:08+5:30

BJP fielded "fearless" Tibriwal to challenge Mamata in her stronghold | ममता को उनके गढ़ में चुनौती देने के लिये भाजपा ने “निडर” टिबरीवाल को मैदान में उतारा

ममता को उनके गढ़ में चुनौती देने के लिये भाजपा ने “निडर” टिबरीवाल को मैदान में उतारा

कोलकाता, 10 सितंबर पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट पर 30 सितंबर को होने वाले उपचुनाव में प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को टक्कर देने जा रहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार प्रियंका टिबरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि तणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा विधानसभा चुनावों के बाद की गई “प्रताड़ना व हिंसा” को उजागर करना चुनाव में एक प्रमुख मुद्दा होगा।

पेशे से वकील टिबरीवाल कलकत्ता उच्च न्यायालय में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार के खिलाफ चुनाव बाद हिंसा को लेकर दायर मामलों की याचिकाकर्ताओं में से एक हैं।

पार्टी ने मिलन घोष और सुजीत दास के नाम की घोषणा क्रमश: शमसेरगंज और जांगीपुर सीट से पार्टी उम्मीदवारों के तौर पर की है। मतगणना तीन अक्टूबर को होगी और उसी दिन नतीजों का ऐलान भी होगा।

टिबरीवाल ने कहा, “वह (ममता बनर्जी) नंदीग्राम से पहले ही हार चुकी हैं। अब वह मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने के लिये यह चुनाव लड़ रही हैं। मेरा काम क्षेत्र के लोगों तक पहुंचकर उन्हें, विधानसभा चुनाव के बाद उनकी पार्टी द्वारा विपक्षी कार्यकर्ताओं के खिलाफ की गई ज्यादती, यातना और हिंसा के बारे में जानकारी देना है। मुझे विश्वास है कि भवानीपुर के लोग मेरे लिए वोट करेंगे और उन्हें हराएंगे।”

टिबरीवाल भारतीय जनता पार्टी की युवा शाखा, भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। वह 2014 में पार्टी में शामिल हुई थीं। उन्होंने पहली बार 2015 में चुनावी सियासत में कदम रखा जब वह कोलकाता नगर निगम का चुनाव लड़ी थीं। इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने 2021 का विधानसभा चुनाव एंटैली सीट से लड़ा था जहां उन्हें टीएमसी उम्मीदवार से 58,000 से ज्यादा मतों के अंतर से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

भाजपा सूत्रों ने कहा कि इसके बावजूद उन्हें ममता बनर्जी के खिलाफ उनके “जुझारू तेवर” को देखते हुए चुना गया और इसलिए भी क्योंकि कई नेता चुनाव लड़ने के लिये तैयार ही नहीं थे। उन्होंने कहा कि टिबरीवाल एक चर्चित चेहरा बन गई हैं खास कर राज्य में चुनाव बाद हुई हिंसा के सिलसिले में टीएमसी सरकार के खिलाफ मामले दायर करने के बाद।

पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, “हमने कुछ भाजपा नेताओं से संपर्क किया लेकिन कई ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। प्रियंका टिबरीवाल एक निडर नेता, बहुत मेहनती और एक बेहतरीन तरीके से काम करने वाली हैं। वह बहुत अच्छी वक्ता हैं। हमें पूरा भरोसा है कि वह ममता बनर्जी को हराकर सीट जीतेंगी।”

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि भाजपा उम्मीदवार की जमानत जब्त हो जाएगी और बनर्जी रिकॉर्ड अंतर से जीतेंगी।

नंदीग्राम विधानसभा सीट पर भाजपा के शुभेंदु अधिकारी से बनर्जी की हार के बाद प्रदेश सरकार में मंत्री और भवानीपुर सीट से चुनाव जीतने वाले सोभनदेव चट्टोपाध्याय ने इस्तीफा दे दिया था ताकि इस सीट से बनर्जी के लिए चुनाव लड़ कर राज्य विधानसभा की सदस्य बनने का रास्ता साफ हो।

चट्टोपाध्याय ने इस सीट पर 28 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से जीत हासिल की थी।

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