"भाजपा बंटवारे की राजनीति करती है, नहीं जाऊंगा उसके साथ", शरद पवार ने भतीजे अजित पवार से मिलने के बाद कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 17, 2023 11:09 AM2023-07-17T11:09:15+5:302023-07-17T12:31:11+5:30
शरद पवार ने बीते रविवार को एनसीपी तोड़ने वाले अपने भतीजे और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार से मुलाकात के बाद स्पष्ट कर दिया है कि वो किसी भी कीमत पर भाजपा के साथ नहीं खड़े होंगे।
मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक शरद पवार ने बीते रविवार को पार्टी तोड़ने वाले भतीजे और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार से मुलाकात के बाद स्पष्ट कर दिया है कि वो किसी भी कीमत पर भाजपा के साथ नहीं खड़े होंगे। एनसीपी के 82 साल के वयोवृद्ध अगुवा शरद पवार ने बीते रविवार को अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल समेत पार्टी के अन्य बागी नेताओं से मुंबई के वाईबी चव्हाण केंद्र में मुलाकात की थी।
बताया जा रहा है कि एनसीपी का बागी गुट विधानसभा का सत्र शुरू होने से पूर्व शरद पवार से "आशीर्वाद" लेने के लिए पहुंचा था। इस प्रकरण के कुछ ही घंटों बाद शरद पवार ने एनसीपी की यूथ विंग के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वो किसी भी मूल्य पर भाजपा को समर्थन नहीं दे सकते हैं और विपक्षी दलों के साथ खड़े होकर देश के लिए "प्रगतिशील राजनीति" करेंगे।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार भतीजे अजित पवार द्वारा पार्टी तोड़े जाने से बेहद आहत शरद पवार ने साफ कहा कि उनका रास्ता स्पष्ट है और वो भाजपा खेमे की ओर नहीं जाता है। पवार ने कहा कि वो देश की भलाई और विकास के लिए विपक्षी दलों के साथ खड़े हैं और प्रगतिशील राजनीति करते हुए भाजपा का विरोध जारी रखेंगे।
इस बीच अजित पवार के साथ शरद पवार से मुलाकात करने पहुंचे प्रफुल्ल पटेल ने मुलाकात करने के बाद कहा उन्होंने शरद पवार के पैर छूकर भाजपा से हाथ मिलाने और एनसीपी के गुटों को एकजुट करने का आग्रह किया । पूर्व केंद्रीय मंत्री पटेल ने कहा, "शरद पवार ने मेरी प्रार्थना का कोई जवाब नहीं दिया, वह बस सुन रहे थे, जो हम सभी कह रहे थे।"
माना जा रहा है कि अजित पवार खेमे के साथ बैठक के दौरान मौन रहे शरद पवार ने भाजपा के साथ न जाने को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने नासिक में एनसीपी के यूथ विंग के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, "भाजपा के साथ जाने का सवाल नहीं पैदा होता, भाजपा केवल बंटवारे की राजडनीति कर रही है और एनसीपी को इस देश में एकता की राजनीति करनी है।"
मालूम हो कि एनसीपी में विभाजन के बाद अजित पवार ने मुंबई में बागी विधायकों की पहली बैठक की, जिसमें पार्टी के 35 विधायक और आठ में से पांच एमएलसी पहुंचे थे। हालांकि, अजित पवार के समर्थक विधायकों की सही संख्या अब भी स्पष्ट नहीं है। वैसे एनसीपी के कुल विधायकों की संख्या 53 है।