मध्य प्रदेश के भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' बताने पर भारतीय जनता पार्टी की ओर कार्रवाई की गई है। प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मंत्रालाय की कमेटी से हटा दिया गया है। इसके साथ ही बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर अब से पार्टी की होने वाली संसदीय दल की बैठक में भी शामिल नहीं होंगी। बता दें कि संसदीय दल की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह सहित बीजेपी के सारे सांसद मौजूद होते हैं। लेकिन अब भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह को इस बैठक में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। प्रज्ञा सिंह ठाकुर को राजनाथ सिंह की अगुवाई वाली रक्षा मंत्रालाय की कमेटी के सदस्य बनाने पर भी बीजेपी की कड़ी आलोचना हुई थी।
बुधवार (27 नवंबर) को लोकसभा में डीएमके सांसद ए. राजा ने एसपीजी संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान प्रज्ञा सिंह ने यह टिप्पणी की। सांसद ए. राजा अदालत के समक्ष नाथूराम गोडसे द्वारा दिये गए उस बयान को उद्धृत कर रहे थे कि उसने महात्मा गांधी को क्यों मारा? ए. राजा गोडसे का अदालत में दिया बयान पढ़ ही रहे थे कि हस्तक्षेप करते हुए प्रज्ञा ने गोडसे को देशभक्त बताया था।
ठाकुर की टिप्पणी को लेकर विपक्षी सदस्यों द्वारा विरोध जताए जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि एसपीजी (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान सिर्फ द्रमुक नेता का बयान ही रिकॉर्ड में जाएगा। लोकसभा सचिवालय ने बाद में एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि ठाकुर की टिप्पणी “दर्ज नहीं की गई है।”
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी गोडसे को देशभक्त करार दिया था
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान ठाकुर ने गोडसे को देशभक्त करार दिया था जिसकी वजह से बड़ा राजनीतिक विवाद मचा था। बाद में उन्होंने अपने बयान के लिये माफी मांग ली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालांकि कहा था, “गांधीजी या नाथूराम गोडसे के बारे में टिप्पणी बेहद खराब और समाज के लिये बेहद गलत थी....उन्होंने माफी मांग ली है लेकिन मैं उन्हें कभी भी मन से माफ नहीं कर पाउंगा।”
विवादित नेता ने एक रोडशो में शामिल होने के दौरान कहा था, “नाथूराम गोडसे एक देशभक्त थे, हैं और एक देशभक्त रहेंगे। जो लोग उन्हें आतंकवादी कहते हैं उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
मालेगांव ब्लास्ट के आरोप में 9 साल जेल में रहीं प्रज्ञा सिंह ठाकुर
प्रज्ञा सिंह ठाकुर मालेगांव ब्लास्ट और आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड के बाद चर्चा में आईं थी। प्रज्ञा ठाकुर मालेगांव धमाके की आरोपी के तौर पर करीब 9 साल जेल में रहीं और फिर जमानत पर बाहर आईं।