भाजपा ने एमवीए को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष पद पर गुप्त मतदान कराने की चुनौती दी
By भाषा | Updated: December 14, 2021 18:17 IST2021-12-14T18:17:00+5:302021-12-14T18:17:00+5:30

भाजपा ने एमवीए को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष पद पर गुप्त मतदान कराने की चुनौती दी
पुणे (महाराष्ट्र), 14 दिसंबर महाराष्ट्र में विधान परिषद की दो सीटों पर चुनाव जीतने पर भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई ने मंगलवार को महा विकास आघाड़ी (एमवीए) को गुप्त मतदान के जरिए विधानसभा अध्यक्ष के पद पर चुनाव कराने की चुनौती दी और संकेत दिया कि भाजपा चुनाव जीत जाएगी।
भाजपा ने नागपुर सीट फिर से हासिल कर ली और अकोला-बुलढाणा-वाशिम सीट शिवसेना से छीन ली। इन सीटों पर चुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित किए गए।
पुणे में पत्रकारों से बातचीत में भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस ने भाजपा पार्षद रवींद्र भोयार को टिकट देने की पेशकश करके नागपुर एमएलसी सीट के चुनाव के दौरान ‘‘बचकाना खेल’’ खेला।
भोयर ने चुनाव की पूर्व संध्या पर अपना नाम वापस ले लिया था।
पाटिल ने कहा कि कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले और मंत्री सुनील केदार के बीच खींचतान चुनाव के दौरान सामने आ गयी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एमवीए को हाथ उठाने के बजाय गुप्त मतदान के जरिए विधानसभा अध्यक्ष के पद पर चुनाव कराने की चुनौती देता हूं। और आपको पता चल जाएगा कि कौन अध्यक्ष बनता है।’’
महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र 22 से 28 दिसंबर को मुंबई में होना है। नाना पटोले के महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख पद से इस्तीफा देने के बाद विधानसभा अध्यक्ष का पद खाली पड़ा है।
पाटिल ने कहा कि एमवीए सरकार के कार्यकाल में आम लोगों को दिक्कतें हो रही है और उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन को सत्ता से बाहर करने का मन बना लिया है।
कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता ने कहा कि एमवीए के तीन घटक दलों शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने पहले सत्ता बचाने का फैसला किया और फिर एक-दूसरे पर हावी होने लगे।
उन्होंने दावा किया, ‘‘एक हालिया उदाहरण है जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री मुंबई आयीं। जब वह मुंबई आयीं तो पवार साहेब (राकांपा प्रमुख) और संजय राउत (शिवसेना सांसद) ने उनके लिए रेड कार्पेट बिछाया। अपने दौरे पर वह कहती रहीं कि संप्रग कहां हैं? उस समय किसी ने आपत्ति नहीं जतायी लेकिन जैसे ही सोनिया गांधी, राहुल गांधी ने फटकार लगायी और समर्थन वापस लेने की धमकी दी तो राउत पूछने लगे कि कांग्रेस के बिना संप्रग कैसे संभव है।
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