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‘‘जीएचएमसी चुनाव में कांग्रेस और तेदेपा के कमजोर होने से भाजपा को हुआ फायदा’’

By भाषा | Updated: December 6, 2020 18:16 IST

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हैदराबाद, छह दिसंबर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के लिए हाल ही में हुए चुनाव में भाजपा के शानदार प्रदर्शन के पीछे कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी का कमजोर होना, राज्य सरकार के खिलाफ माहौल तथा सत्तारूढ़ टीआरएस की कथित तुष्टीकरण की नीति के खिलाफ भाजपा नेताओं का आक्रामक रूख जैसे कारण प्रमुख रहे।

जीएचएमसी के चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद भाजपा तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के लिए मुख्य चुनौती बनकर उभरी है।

इस चुनाव में भाजपा ने 149 वार्ड में से 48 में जीत हासिल की है जबकि 2016 में उसके खाते में केवल चार वार्ड आए थे।

टीआरएस ने 55 वार्डों में जीत हासिल की है। उसके प्रदर्शन में गिरावट देखी गयी है क्योंकि 2016 में हुए चुनाव में उसे 99 वार्डों में जीत मिली थी। हालांकि इस बार भी वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने हैदराबाद के पुराने शहर में अपना प्रभाव कायम रखते हुए 44 वार्डों पर जीत हासिल की है, जबकि कांग्रेस केवल दो वार्डों में ही जीत सकी। एक समय राज्य में काफी प्रभावशाली रह चुकी तेदेपा का इस बार खाता भी नहीं खुला।

राजनीतिक विश्लेषक तेलकापल्ली रवि के अनुसार भाजपा का प्रदर्शन मजबूत होने और टीआरएस के वार्डों की संख्या कम होने के पीछे जो मुख्य वजह हैं उनमें कांग्रेस तथा तेदेपा का अत्यंत निराशाजनक प्रदर्शन, टीआरएस सरकार के प्रति सत्ता-विरोधी लहर चलना और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी संजय कुमार तथा अन्य पार्टी नेताओं का आक्रामक हिंदूवादी एजेंडा हैं।

गौरतलब है कि हैदराबाद में हाल ही में भारी बारिश और बाढ़ के बाद सत्तारूढ़ टीआरएस के खिलाफ माहौल बन गया था।

उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य में कांग्रेस तथा तेदेपा के कमजोर होने से पैदा हुई जगह को भर रही है। अविभाजित आंध्र प्रदेश में दोनों ही पार्टियां शक्तिशाली होती थीं।

रवि ने कहा, ‘‘तेलंगाना में भाजपा कांग्रेस की जगह लेती जा रही है जैसा पश्चिम बंगाल में हुआ।’’

जानेमाने राजनीतिक विश्लेषक के नागेश्वर के अनुसार कांग्रेस तथा तेदेपा के कमजोर होने, टीआरएस नेताओं के बीच तालमेल की कमी और भाजपा नेता संजय कुमार के बयानों के असर से भाजपा को वर्चस्व बढ़ाने में मदद मिली है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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