(संजीव गुप्ता)
रायपुर, 17 नवंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महासचिव और छत्तीसगढ़ राज्य प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने कहा है कि भाजपा धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करती है और कांग्रेस समाज में विभाजन लाने की कोशिश करती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने हाल में अपनी किताब 'सनराइज ओवर अयोध्या: नेशनहुड इन ऑवर टाइम्स’ में हिंदुत्व की तुलना आतंकवादी समूह आईएसआईएस से करके इसका ताजा उदाहरण पेश किया है।
पुरंदेश्वरी ने राज्य में शराबबंदी और बेरोजगारों को भत्ता देने सहित अपने वादों को निभाने में कथित रूप से विफल रहने के लिए छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और कहा कि लोगों को विकास के लिए पिछली रमन सिंह सरकार और मौजूदा सरकार के बीच तुलना करनी चाहिए।
राज्य के मुख्य विपक्षी दल भाजपा की राज्य प्रभारी नियुक्त होने के बाद पुरंदेश्वरी लगातार राज्य का दौरा कर रही हैं।
पुरंदेश्वरी ने बुधवार को 'भाषा' के साथ हुई बातचीत में कहा कि भाजपा एक व्यक्ति द्वारा संचालित पार्टी नहीं है और राज्य में अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा यह समय आने पर तय कर लिया जाएगा। राज्य में धर्म परिवर्तन के मुद्दे को उठाने को लेकर कांग्रेस द्वारा आलोचना किए जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि 'लोगों और कांग्रेस पार्टी से मेरा सीधा सवाल है कि क्या कोई धर्मांतरण (राज्य में) नहीं हुआ है।'
उन्होंने कहा कि धर्मांतरण केवल धर्म का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह आदिवासियों की संस्कृति और मान्यता पर हमला है। उन्होंने दावा किया कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद धर्मांतरण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
पुरंदेश्वरी ने कहा, ‘‘आप देख सकते हैं कि कवर्धा में क्या हुआ। भाजपा ने वहां ऐसा कुछ नहीं किया। आप कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद को हिंदू धर्म की तुलना आतंकवादी समूह आईएसआईएस से करते हुए देख रहे हैं। यह हम नहीं कर रहे हैं। बल्कि यह केवल कांग्रेस और उसके नेता ही कर रहे हैं। हम समाज में विभाजन नहीं ला रहे हैं बल्कि केवल वह (कांग्रेस) समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करती है।’’
राज्य के कवर्धा शहर में पिछले महीने दो वर्गों के बीच हुई हिंसा की घटना के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था। राज्य सरकार ने इस घटना के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है तथा भाजपा सांसद संतोष पांडे और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह समेत पार्टी के कई नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
सत्ताधारी कांग्रेस द्वारा भाजपा को राज्य में ‘नेता विहीन’ और ‘चेहरा विहीन’ पार्टी कहने के जवाब में पुरंदेश्वरी ने कहा कि कांग्रेस को भाजपा के चेहरे के बारे में चिंता करने के बजाय अपना आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, ‘‘वह इस बात से क्यों परेशान हैं कि हमारा नेता कौन बनने जा रहा है। यह हमारी पार्टी को तय करना है। समय आने पर हम यह तय कर लेंगे। हमारी पार्टी में एक प्रक्रिया के तहत यह तय किया जाता है। भाजपा एक व्यक्ति द्वारा संचालित पार्टी नहीं है। बल्कि यह विचारधारा से प्रेरित पार्टी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस को भाजपा के लिए चिंतित होने के बजाय खुद पर ध्यान देना चाहिए। पार्टी आज अंदरूनी कलह से जूझ रही है। कांग्रेस में टीएस सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें नहीं बनाया गया। बघेल जी (मुख्यमंत्री भूपेश बघेल) अपना पद छोड़ना नहीं चाहते है। उन्हें अपनी पार्टी पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।’’
राज्य में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार में वापसी पर विश्वास जताते हुए पुरंदेश्वरी ने कहा, ‘‘पार्टी ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है तथा हम उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’’
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘यहां भ्रष्टाचार भी बड़े पैमाने पर हो रहा है। हमारी पार्टी आने वाले चुनाव में विकास और भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर जाएगी।’’
राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ विपक्षी मोर्चे का नेतृत्व करने के लिए तृणमूल कांग्रेस की कोशिश के बारे में पूछे जाने पर पुरंदेश्वरी ने कहा, ‘‘भाजपा भारत को विश्वगुरु बनाना चाहती है। अलग-अलग दल भाजपा के खिलाफ नहीं लड़ पा रहे हैं इसलिए वे सभी एक साथ आ रहे हैं। भाजपा उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है, बल्कि हम ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि हम देश को कैसे आगे ले जाएं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप देख सकते हैं कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान इससे कैसे निपटा गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) कह रहा है कि भारत में जिस तरह से इस महामारी से लड़ा गया वह पूरी दुनिया के लिए एक ‘केस स्टडी’ होना चाहिए।’’
पार्टी में कार्यकर्ताओं की नाराजगी को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं दिख रहा है कि कार्यकर्ता नाराज हैं। यदि कार्यकर्ताओं से दूरी बनी है तब पार्टी के नेता लगातार कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं और उनसे बात कर रहे हैं। उनकी शंकाएं दूर करने का प्रयास भी कर रहे हैं। वह स्वयं भी लगातार कार्यकर्ताओं से मिल रही है। इसमें लगातार प्रयास और विचार हो रहा है।’’
छत्तीसगढ़ में 2003 से 2018 तक लगातार 15 वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद भाजपा को 2018 के विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था। राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 14 सदस्य हैं।
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