बीजेपी और कांग्रेस के वॉर रूम अपनी-अपनी जीत पर आश्वस्त, सत्तारूढ़ दल को 240 से अधिक सीटें मिलने की उम्मीद
By हरीश गुप्ता | Published: May 7, 2019 07:46 AM2019-05-07T07:46:49+5:302019-05-07T07:46:49+5:30
भाजपा के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित मुख्यालय के वॉर रूम जहां 55 सदस्यीय मजबूत विश्लेषक और डाटा विशेषज्ञ 24 घंटे काम कर रहे हैं.
26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 425 लोकसभा सीटों पर पांच चरणों में हुए मतदान के साथ ही भाजपा और कांग्रेस के वॉर रूम अपनी-अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं. अगर भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि उनकी पार्टी 240 से अधिक सीटें जीतेगी, तो गुरुद्वारा रकाबगंज स्थित कांग्रेस का वॉर रूम 145 से अधिक सीटें जीतने के प्रति आश्वस्त है.
भाजपा के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित मुख्यालय के वॉर रूम जहां 55 सदस्यीय मजबूत विश्लेषक और डाटा विशेषज्ञ 24 घंटे काम कर रहे हैं. पहले यह टीम पार्टी के वरिष्ठ नेता और वित्तमंत्री अरुण जेटली के मार्गदर्शन में काम करती थी. जेटली के स्वास्थ्य की स्थिति के मद्देनजर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सीधे इस टीम के ऑपरेशन पर नजर रख रहे हैं. सहयोगियों और उनकी सीटों के साथ समन्वय करने के लिए डाटा का मिलान करने के लिए वॉर रूम में एक अलग इकाई है.
इसके अलावा भाजपा तीन निजी एजेंसियों की सेवाएं ले रही हैं. ये एजेंसियां उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, राजस्थान आदि जैसे दांव पर लगे महत्वपूर्ण राज्यों में एग्जिट पोल कर रही हैं. इनके अलावा विभिन्न राज्यों में फैले आरएसएस के हजारों कार्यकर्ता भी वस्तुस्थिति की जानकारी दे रहे हैं. पहले दो चरणों में भाजपा और आरएसएस के बीच तालमेल का अभाव अब अतीत की बात है.
प्रधानमंत्री मोदी वॉर रूम के प्रमुख सदस्यों, भाजपा के राज्य प्रभारी और आरएसएस टीम के नेताओं से सीधे बात कर रहे हैं. इसके अलावा आईबी की राजनीतिक इकाई दिन-रात रुझान का फीडबैक देने के लिए मुस्तैद है. दिवंगत इंदिरा गांधी के समय से इस तरह के राजनीतिक कार्यों के लिए आईबी का इस्तेमाल किया जा रहा है. यह अभी भी बदस्तूर जारी है.
हालांकि भाजपा नेतृत्व सार्वजनिक रूप से 2014 में प्राप्त 282 के आंकड़े को पार करने का दावा कर रहा है, लेकिन निजी तौर पर वह उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, राजस्थान और पंजाब में नुकसान होने को स्वीकार कर रहा है.
वैसे, यह नुकसान उतना बड़ा नहीं होगा जितना कि कुछ राजनीतिक विश्लेषक कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम समेत पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों, कर्नाटक और हरियाणा में भारी लाभ से इनमें से कुछ नुकसान की भरपाई हो जाएगी. दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश में महागठबंधन की वजह से होने वाले नुकसान 30 सीटों तक सीमित हो जाएंगे.
उत्तर प्रदेश में 13 सीटें पाने की उम्मीद
इस बीच कांग्रेस को वॉर रूम 140 सीटें पाने के प्रति आश्वस्त है. रिपोर्टों के विपरीत, वार रूम का विश्लेषण है कि पार्टी उत्तर प्रदेश में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर 11-13 सीटें अवश्य हासिल करेंगी. वहीं, उसे राजस्थान में 15 सीटें, मध्य प्रदेश में 14, छत्तीसगढ़ में 8, पंजाब में 8-9, असम में 6-7, गुजरात में 6 और महाराष्ट्र में 11-13 सीटें जीतने की उम्मीद है. दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अपनी छोटी टीम के साथ वॉर रूम से इतर उत्तर प्रदेश के रुझानों की निगरानी कर रही हैं. कांग्रेस का आकलन है कि भाजपा 175 सीटों का आंकड़ा पार नहीं करेगी.