कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बीरभूम में टीएमसी के स्थानीय नेता की हत्या के बाद हुई हिंसा और आगजनी की जांच सीबीआई करेगी। सत्तारूढ़ दल टीएमसी ने कहा है कि वह सीबीआई जांच में सहयोग करेगी। हालांकि पार्टी ने यह भी कहा है कि मामले की जांच निष्पक्ष तरीके हो। इसे भारतीय जनता पार्टी के दबाव नहीं किया जाए।
शुक्रवार को पार्टी के महासचिव कुणाल घोष ने न्यूज एजेंसी एएनआई के हवाले से कहा, रामपुरहाट की घटना की हम निंदा करते हैं। राज्य सरकार ने सारे कदम लिए थे। हम CBI जांच में पूरा सहयोग देंगे। हमारी बस यही मांग है कि CBI निष्पक्ष तरीके से मामले की जांच करे और BJP के दबाव में आकर जांच न करे। अगर ऐसा होगा तो हम विरोध दर्ज़ कराएंगे।
बीरभूमि हिंसा की जांच कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी के माध्यम से होगी। वहीं सीबीआई को आदेश दिया गया है कि वह 7 अप्रैल तक अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट को फाइनल करना होगा। बंगाल पुलिस की एसआईटी मामले को सीबीआई को सौंप देगी। कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर यह आदेश दिया है।
मालूम हो कि 21 मार्च को एक टीएमसी नेता की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद यहां हिंसा भड़क गई। गुस्साई भीड़ ने 5 घरों में आग लगा दी थी, जिससे 2 बच्चों सहित आठ लोगों की जलकर मौत हो गई। राज्य सरकार ने गुरुवार को हिंसा में मरने वालों परिजनों को 5 लाख रुपये और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।