नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग में एक नया मोड़ आया है. हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल ई (बीई) ने विश्वस्तरीय दवा उत्पादक जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा तैयार टीके के उत्पादन के लिए कमर कस ली है. कोविड-19 से निपटने के लिए भारत में बनने वाला यह चौथा टीका होगा. इससे पहले कोवैक्सीन (भारत बायोटेक-आईसीएमआर), जायडस सीवी (जायडस कैडिला) और कोविड शील्ड (ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-सीरम इंस्टीट्यूट, पुणे) इस दिशा में काम शुरू कर चुके हैं.
चौथे टीके को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी इंडियन वैक्सीन एसोसिएशन और शीर्ष सरकारी अधिकारियों के बीच बैठक के बाद सामने आई है. हैदराबाद की बायोलॉजिकल ई ने सरकार को जानकारी दी कि उसने जॉनसन एंड जॉनसन से उसके टीके के भारत में अघोषित मात्रा में उत्पादन के लिए करार किया है. यह टीका फिलहाल ट्रायल के तीसरे चरण से गुजर रहा है.
एसोसिएशन के सदस्यों की बायोटेक्नालॉजी विभाग के तत्वाधान में बायोटेक्नालॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (बीआईआरएसी) के साथ बैठक में टीके को साकार करने की प्रक्रिया को तेज करने और फंडिंग को लेकर बातचीत हुई. कुछ कंपनियां चाहती हैं कि टीके को वायल्स में भरकर तैयार करने का खर्च सरकार साझा करे, ताकि तेजी से बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सके. ब्राजील और अन्य देशों में ट्रायल के तीसरे चरण से गुजर रहा एक अन्य टीका चीन के सिनोवेक बायोटेक का है. रुस का स्पूतनिक वी टीका ट्रायल के दूसरे चरण से गुजर चुका है. इन टीकों के ट्रायल के लिए फिलहाल भारत से संपर्क नहीं साधा गया है.
भारत सबसे बड़ा उत्पादक
तीन अरब डोज की क्षमता के साथ भारत इस वक्त दुनिया में टीके का सबसे बड़ा उत्पादक है. टीकों के सात मुख्य उत्पादक चाहते हैं कि सरकार स्पष्ट करे कि वह भारत में खपत के लिए कितने टीकों को खरीदने की योजना रखती है. 60-70 करोड़ डोज इस तरह का कोई आंकड़ा तो अभी सामने नहीं आया है।
लेकिन डॉ. वी.के. पॉल की अध्यक्षता में टीके पर गठित पीएम के टास्क फोर्स ने संकेत दिए हैं कि भारत को 60-70 करोड़ डोज की जरूरत पड़ सकती है. लेकिन भारत यह देखकर अंतिम फैसला लेगा कि टीका कितना असरदार है. प्रधानमंत्री मोदी ने टीके की तलाश तेज कर दी है और अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ठोस योजना लेकर आएं. उसके बाद पिछले एक हफ्ते से अधिकारियों की बैठकों का दौर जारी है.
प्रीक्लीनिकल ट्रायल्स-140 (फिलहाल इंसानों पर नहीं)
पहला चरण-19 दूसरा चरण-13 (भारत में कोवैक्सीन और डायडस-कैडिला) तीसरा चरण-4 (ऑक्सफोर्ड-सीरम पुणे और जॉनसन एंड जॉनसन सहित) चौथा चरण-1 (केनसिनो, चीन, प्रतिबंधित स्वीकृति)