नाम छिपाकर शादी करने पर मिलेगी 10 साल की सजा, UP कैबिनेट में पास हुआ अध्यादेश
By गुणातीत ओझा | Updated: November 24, 2020 20:58 IST2020-11-24T20:09:49+5:302020-11-24T20:58:37+5:30
मंगलवार को गैरकानूनी धर्म परिवर्तन अध्यादेश यूपी कैबिनेट मीटिंग में भी पास हो गया। इस अध्यादेश के मुताबिक दूसरे धर्म में शादी करने पर अब जिले के डीएम से इजाजत लेनी होगी।

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लखनऊ। प्यार का झांसा देकर और पहचान छिपाकर शादी करने वालों की अब खैर नहीं होगी। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने इस तरह के अपराध पर नकेल कसने की पूरी तैयारी कर ली है। इसी कड़ी में मंगलवार को गैरकानूनी धर्म परिवर्तन अध्यादेश कैबिनेट मीटिंग में भी पास हो गया। इस अध्यादेश के मुताबिक दूसरे धर्म में शादी करने पर अब जिले के डीएम से इजाजत लेनी होगी। इसके लिए शादी से पहले 2 माह का नोटिस देना होगा। बिना अनुमति लिए शादी करने या धर्म परिवर्तन करने पर 6 महीने से लेकर 3 साल तक की सजा होगी। साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी देना पड़ेगा।
इस अध्यादेश में नाम छिपाकर शादी करने वाले के लिए 10 साल की सजा का भी प्रावधान तय किया गया है। गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन पर एक से 10 साल तक की सजा होगी। साथ ही 15 हजार तक का जुर्माना भी देना पड़ सकता है। वहीं, सामूहिक रूप से गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन करने पर 10 साल तक की सजा हो सकती है और 50 हजार तक जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
गैरकानूनी धर्म परिवर्तन अध्यादेश को लेकर योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश कैबिनेट 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020' लेकर आई है। जो उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सामान्य रखने के लिए और महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा, 'बीते दिनों में 100 से ज्यादा घटनाएं सामने आई थीं, जिनमें ज़बरन धर्म परिवर्तित किया जा रहा है। इसके अंदर छल-कपट, बल से धर्म परिवर्तित किया जा रहा है। इसपर कानून को लेकर एक आवश्यक नीति बनी, जिसपर कोर्ट के आदेश आए हैं और आज योगी जी की कैबिनेट अध्यादेश लेकर आई है।'
यूपी के गृह विभाग ने प्रस्तावित कानून का मसौदा पहले ही तैयार कर लिया था। इसे गैर कानूनी धर्मांतरण निरोधक बिल कहा जा रहा है। मंगलवार की सुबह यूपी कानून आयोग के अध्यक्ष आदित्यनाथ मित्तल ने भी कहा कि दो अलग-अलग धर्म के लोग आपस में शादी कर सकते हैं लेकिन नए कानून में व्यवस्था अवैध रुप से धर्मांतरण को लेकर है। इसमें 3 साल, 7 साल और 10 साल की सजा का प्रावधान है। नए कानून के जरिए अवैध रुप से धर्मांतरण कर शादी करने पर रोक लगेगी।