बिलकिस गैंगरेप केस: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर गुजरात के तीन मुस्लिम विधायकों ने सभी 11 दोषियों की रिहाई रद्द करने की मांग की

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 20, 2022 09:16 PM2022-08-20T21:16:53+5:302022-08-20T21:22:16+5:30

गुजरात के तीन कांग्रेसी विधायकों ग्यासुद्दीन शेख, इमरान खेड़ावाला और जावेद पीरजादा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संयुक्त पत्र लिखकर बिलकिस बानो गैंगरेप के 11 दोषियों की रिहाई को रद्द करने की मांग की है।

Bilkis gangrape case: Three Muslim MLAs of Gujarat write to President Draupadi Murmu, demanding cancellation of release of all 11 convicts | बिलकिस गैंगरेप केस: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर गुजरात के तीन मुस्लिम विधायकों ने सभी 11 दोषियों की रिहाई रद्द करने की मांग की

फाइल फोटो

Highlightsगुजरात कांग्रेस के तीन विधायकों ने बिलकिस बानो गैंगरेप के मामले में राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी विधायकों के संयुक्त पत्र में बिलकिस गैंगरेप के 11 दोषियों की रिहाई को रद्द करने की मांग की गई हैपत्र में गुजरात सरकार द्वारा रिहाई के फैसले को "शर्मनाक" और "असंवेदनशील" बताया गया है

अहमदाबाद:गुजरात सरकार द्वारा बीते 15 अगस्त को बिलकिस बानो गैंगरेप के 11 दोषियों को रिहा किये जाने के विरोध में गुजरात कांग्रेस के तीन विधायकों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। गुजरात कांग्रेस के तीन मुस्लिम विधायकों ने महामहिम राष्ट्रपति से इस मामले में गुजारिश की है कि वो केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार को निर्देश दें कि साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले 11 दोषियों की आजीवन कारावास को फिर से बहाल करते हुए उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजें।

कांग्रेस की ओर से जिन तीन विधायकों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है, उसमें ग्यासुद्दीन शेख, इमरान खेड़ावाला और जावेद पीरजादा शामिल हैं। तीनों विधायकों ने एक संयुक्त पत्र के माध्यम से राष्ट्रपति मुर्मू के समक्ष बिलकिस बानो गैंगरेप के 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले को "शर्मनाक" "असंवेदनशील" और न्याय के लिए संघर्ष करने वालों के लिए निराशाजनक बताया है।

इस मामले में विधायक ग्यासुद्दीन शेख ने कहा, "मौजूदा केंद्र सरकार ने ही स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किया है कि राज्य सरकार रेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बलात्कारियों को क्षमा की नीति के तहत रिहा न करे। ऐसे में गुजरात की भाजपा सरकार द्वारा बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों को क्षमा करके जो संवेदनहीनता दिखाई है, उसे राजनीति के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा। यह न्याय पाने के संघर्ष करने वालों के लिए किसी झटके से कम नहीं है।"

उन्होंने कहा कि हम समझते हैं कि चूंकि राष्ट्रपति स्वयं एक महिला हैं, इस नाते वो महिलाओं के दर्द को अच्छी तरह समझेंगी और इस मामले में सकारात्मक कदम उठाएंगी। 

शेख ने कहा कि बिलकिस बानो मामले के दोषियों ने न केवल गैंगरेप किया बल्कि उसकी तीन साल की बेटी सहित परिवार के कुल सात सदस्यों की भी हत्या की है। ऐसे में राज्य सरकार को तो उन्हें छोड़ना ही नहीं चाहिए था लेकिन जन भावना के विपरीत काम करने वाली गुजरात की भाजपा सरकार ने जघन्य अपराधों के अपराधियों को माफ करके अपनी गंदी मानसिकता को जनता के सामने प्रदर्शित कर दिया है।

विधायकों के पत्र में कहा गया है, "सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोग ऐसे अपराधियों की रिहाई का जश्न और सम्मान कर रहे हैं, जो सीधे तौर पर अमानवीय कृत्य है। गुजरात सरकार द्वारा शुरू की जा रही इस पहल को खतरनाक परंपरा बनने से पहले रोकना जरूरी है।"

पत्र में यह भी कहा गया है कि राज्य की भाजपा सरकार द्वारा रिहाई का फैसला इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि एक तरफ तो प्रधानमंत्री महिला सम्मान की बात करते हैं और दूसरी ओर एक महिला के साथ इतनी बर्बर हिंसा करने वालों को रिहा किया जा रहा है। पत्र में विधायकों ने मांग की है कि गुजरात सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए ताकि आम नागरिकों का कानून पर से विश्वास न उठे और अन्य महिलाओं को वह सब न झेलना पड़े, जो बलात्कार पीड़िता बिलकिस बानो को झेलनी पड़ी।

मालूम गुजरात सरकार ने 15 अगस्त को बिलकिस बानो गैंगरेप के सभी 11 दोषियों को राज्य की रिहाई नीति के तहत रिहा कर दिया था। सभी दोषियों को 21 जनवरी, 2008 को मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने बिलकिस बानो के साथ गैंग रेप और परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जिसे बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था।

सभी 11 दोषियों ने 3 मार्च 2002 को दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका के रंधिकपुर गांव में बिलकिस बानो के परिवार पर हमला किया था। बिलकिस बानो, जो उस समय पांच महीने की गर्भवती थीं। दोषियों ने उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया था और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी थी। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

Web Title: Bilkis gangrape case: Three Muslim MLAs of Gujarat write to President Draupadi Murmu, demanding cancellation of release of all 11 convicts

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